Sunday 25 August 2024

UPS:(यूनिफाइड पेंशन स्कीम) किन रिटायर कर्मियों को मिलेगा लाभ, एरियर और उस पर ब्याज का क्या होगा, सवाल-जवाब में जानें पूरी योजना




नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंज़ूरी दे दी है. ये जानकारी 24 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसकी घोषणा की और कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंता भी उठती रही है और पेंशन इसका अहम भाग है.

उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में सुधारों की मांग की बात की और कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही थी और अब सरकार ने यूपीएस को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम का फायदा 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को होगा. बता दें कि यूपीएस के तहत सरकार ने पांच प्रावधान लागू किए हैं जो इसे खास बनाते हैं. आइए जानते हैं तो 5 बातें क्या हैं.

1. क्या है एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस?

यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन योजना अपनाने पर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। 25 वर्ष तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा की सेवा पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी। किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।

2. क्या 10 साल की सेवा के बाद भी पेंशन मिलेगी?

इसका जवाब है हां, कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।

3. क्या महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन की सुविधा मिलेगी?

हां, उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।

4. क्या सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का भी लाभ मिलेगा?

हां, सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा। छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा। 

5. क्या राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलेगा यूपीएस का लाभ?

हां, 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी एकीकृत पेंशन का लाभ मिल सकेगा। यदि राज्य सरकार इसे अपनाने का फैसला लेते हैं तो। यानी राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।

6. क्या बढ़े पेंशन का भार पेंशनधारकों पर पड़ेगा?

इस सवाल का जवाब है नहीं। पेंशन मद में सरकार का योगदान बढ़ने या एरियर भुगतान के बावजूद कर्मचारियों पर कोई भार नहीं पड़ेगा। 10 वर्ष पहले तक कर्मचारी और सरकार 10-10 फीसदी का योगदान देते हैं। हमारी सरकार ने योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। यह अपने आप में बड़ा कदम था। अब केंद्र सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

7. क्या यूपीएस का लाभ पहले से सेवानिवृत कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा? 

हां, वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी मिलेंगे। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर्स के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह योजना पूरी तरह वित्त पोषित है। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उसके अतिरिक्त भार को वहन के लिए वार्षिक आधार पर 6250 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

8. पेंशन पर एरियर्स की गणना कैसे होगी?  

वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है। इस दौरान एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इनका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है। वे कब सेवा में आए, कब वे सेवानिवृत्त हुए, तब उन्हें रकम कितनी मिली है, यह सारी जानकारी हमारे पास है। 

9. क्या एरियर्स पर ब्याज भी मिलेगा?

हां, पेंशन की बकाया राशि यानी एरियर्स पर सरकार ब्याज का भी भुगतान करेगी। अगर वे यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा। 

10. एरियर्स पर कितना ब्याज मिलेगा? 

डॉ. सोमनाथन के अनुसार, अगर पहले सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी यूपीएस अपनाते हैं और अगर नए सिरे से गणना के बाद उनका कोई एरियर्स बनता है तो उस एरियर पर पीपीएफ की दरों के हिसाब से ब्याज मिलेगा।

11. क्या बार-बार पेंशन योजना का विकल्प बदला जा सकेगा?

इसका जवाब है- नहीं। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मी एक बार ही चुन सकेंगे कि वे एनपीएस चाहते हैं या यूपीएस। वे बाद में अपना विकल्प नहीं बदल सकते।

12. वीआरएस के मामलों में क्या होगा?

स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के मामलों में अगर यूपीएस अपनाते हैं तो 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा, लेकिन पेंशन वीआरएस की तारीख से नहीं, बल्कि सुपर एन्यूशन से शुरू होगी।


UPS की 5 बातें इसे NPS से खास बनाती हैं:

पहला- कम से कम 50 फीसदी निश्चित पेंशन
कर्मचारियों की काफी समय से मांग थी कि उन्हें एक निश्चित रकम पेंशन के तौर पर मिले. ये राशि रिटारयमेंट के ठीक पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी. इसके लिए शर्त ये है कि कर्मचारी को 25 साल की सर्विस पूरी करनी होगी.

दूसरा- निश्चित फैमिली पेंशन
NPS में कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को मिलने वाली पेंशन की राशि निश्चित नहीं थी. वहीं, UPS में किसी कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को 60 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा.

तीसरा हिस्सा- न्यूनतम निश्चित पेंशन
UPS में रिटायर्ड कर्मचारी को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन राशि भी तय की गई है. 10 साल तक की न्यूनतम सेवा की स्थिति में कर्मचारी को कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दिए जाएंगे.

चौथा- महंगाई के हिसाब से व्यवस्था
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पेंशन को महंगाई के साथ जोड़ा गया है. कर्मचारियों को पेंशन के साथ महंगाई इंडेक्शेसन का भी लाभ मिलेगा. ये व्यवस्था ठीक वैसी है जैसे मौजूदा समय में सेवारत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है. यानी महंगाई बढ़ने के साथ सरकार पेंशन में बढ़ोतरी करेगी.

पांचवां- ग्रैच्युटी के अलावा नौकरी छोड़ने पर मिलेगी एकमुश्त रकम
सरकार हर कर्मचारी को उसकी हर 6 महीने की नौकरी पूरी करने पर, इन महीनों की उसकी सैलरी और DA का 10% पैसा, रिटायरमेंट के बाद लम-सम अमाउंट के बतौर देगी. इस रकम से कर्मचारियों की निश्चित पेंशन पर कोई असर नहीं होगा.

UPS, NPS और OPS में क्या अंतर?
1. UPS के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा. NPS के तहत प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारी अकाउंट ओपन करा सकते हैं. जबकि OPS सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है.

2. OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि NPS में वेतन से 10% (बेसिक डीए) की कटौती होती है. वहीं UPS में यही अमाउंट कटेगा. लेकिन सरकार की तरफ से 18.5 प्रतिशत का योगदान किया जाएगा.

3. OPS में GPF (Government Provident Fund) की सुविधा है, जबकि NPS में यह सुविधा नहीं है. वहीं UPS में एकमुश्त राशि रिटायरमेंट के बाद दिया जाएगा.

4. NPS शेयर बाजार से लिंक योजना है, जिसमें कंट्रीब्यूशन करने पर रिटायरमेंट के वक्त 60 फीसदी तक अमाउंट एकमुश्त और बाकी बचा 40 प्रतिशत अमाउंट एन्युटी के तौर पर दिया जाता है. वहीं यूपीएस और OPS एक सुरक्षित योजना है.

5. UPS में रिटायरमेंट के तहत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी होगा. OPS में रिटायरमेंट के समय में भी निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी होगा, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.

6. OPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है, जबकि NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है. वहीं UPS में महंगाई के हिसाब से मंहगाई राहत (DR) दिया जाएगा.

7. UPS में ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि रिटार्यमेंट के वक्त दिया जाएगा. OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थायी प्रावधान है.

8. UPS में कर्मचारी की मौत हो जाने पर फैमिली पेंशन दिया जाएगा. OPS में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, जबकि NPS में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, लेकिन NPS के तहत जमा पैसे को सरकार जब्त कर लेती है.

9. UPS में ब्याज पर टैक्स लगेगा या नहीं ये अभी क्लियर नहीं है, जबकि OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है. वहीं NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.

10. OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन पाने के लिए किसी प्रकार का इनवेस्ट नहीं करना पड़ता है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना पड़ता है. वहीं UPS में भी इन्वेस्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है.

11. UPS में 10 साल की सर्विस पर कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन का प्रावधान है. OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है, जबकि NPS में यह प्रावधान नहीं है.

12. यूपीएस में मेडिकल फैसिलिटी दी जाएगी, जबकि OPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

13. UPS और OPS का लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही उठा सकते हैं, जबकि NPS प्राइवेट से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक कोई भी कर सकता है.

UPS और NPS में कुछ बड़े अंतर?
• सरकार ने कर्मचारियों के लिए UPS और NPS में से कोई एक विकल्प चुनने का विकल्प रखा है. अगर आप एक बार एनपीएस चुन लेते हैं तो दोबारा यूपीएस में नहीं जा सकते हैं.

• यूपीएस का लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होगा, जिसके तहत 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. वहीं NPS के तहत दो अकाउंट होते हैं, टियर 1 और टियर 2, जिसे कोई भी खोल सकता है और निवेश कर सकता है.

• यूपीएस एक निश्चित पेंशन स्कीम है. साथ ही फैमिली पेंशन भी मिलेगा. मिनिमम निश्चित पेंशन का भी प्रावधान है. जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं है. यूपीएस एक सुरक्षित पेंशन योजना है, जबकि एनपीएस एक मार्केट लिंक योजना है.

• NPS में वेतन से 10% (बेसिक डीए) की कटौती होती है. वहीं UPS में यही अमाउंट कटेगा. लेकिन सरकार की तरफ से 18.5 प्रतिशत का योगदान किया जाएगा.

• UPS में सरकारी कर्मचारी को 25 साल नौकरी के बाद फिक्स पेंशन के अलावा एकमुश्त राशि भी मिलेगी. महंगाई दर के हिसाब से ये पेंशन बढ़ेगी. NPS में बहुत कर्मचारियों को बहुत कम रुपए ही मिल रहे थे.

• NPS में कोई सुनिश्चित पेंशन नहीं था. UPS में 25 साल की सेवा के बाद आखिरी सैलरी का कम से कम 50 फीसदी पेंशन सुनिश्चित होगा.

• UPS में 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रूपए सुनिश्चित पेंशन मिलेगी. NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

UPS के तहत बकाया भी मिलेगा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार रात को यूनिफाइड पेंशन योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इस योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया कि 2004 के बाद रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा. साल 2004 से अभी तक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी इस योजना के तहत बकाया पाने के लिए योग्य होंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बकाया राशि का भुगतान 800 करोड़ रुपये तक किया जाएगा.

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