देहरादून। उत्तराखंड में भारी वर्षा और भूस्खलन से भारी नुकसान पहुंचा है। चमोली, रुद्रप्रयाग, नई टिहरी और बागेश्वर में गुरुवार रात अतिवृष्टि से भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लापता हैं।
भवन ध्वस्त होने से पांच लोगों की मौत, बागेश्वर के पोसारी गांव में भूस्खलन से एक भवन ध्वस्त होने से पांच लोगों की मौत की सूचना है।
चमोली जिले के देवाल मोपाटा गांव में अतिवृष्टि से एक आवासीय भवन भूस्खलन की चपेट में आने से दंपती की मौत हो गई।
हल्द्वानी में हल्द्वानी-भीमताल हाईवे रानीबाग के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है। देहरादून में दूधली के खट्टा पानी क्षेत्र में सुसवा नदी मे सात वर्षीय बालक का शव मिला है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन राहत-बचाव में जुटा है। हरिद्वार में मूसलधार वर्षा ने शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
रुद्रप्रयाग के बड़ेथ डुंगर तोक में भूस्खलन के बाद एक महिला की जान चली गई, जबकि आठ लोग अभी लापता हैं। इनमें नेपाल के चार श्रमिक भी शामिल हैं। प्रदेश में नदी नाले उफान पर हैं। पौड़ी के श्रीनगर में अलकनंदा नदी का पानी बदरीनाथ हाईवे तक पहुंच गया है। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध हैं।
रुद्रप्रयाग के छेनागाड़ में कल रात बादल फटने के बाद पहाड़ी से मालवा गिर गया जिसके बाद पूरा छेनागाड़ बाजार दब गया। भूस्खलन के मलबे में लगभग 12 लोगों के दबे होने की खबर है।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने इस खबर की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री धामी को क्षेत्र की वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए बताया है कि छेनागाड़ बाजार में रात के समय पहाड़ी से बड़ी मात्रा में भूस्खलन के बाद मलवा बाजार की तरफ आया, छेनागाड़ बाजार में 5-7 दुकान थी, और यह इलाका आसपास के क्षेत्र के लिए एक बस स्टॉप की तरह इस्तेमाल किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्वनाथ सेवा की बस में उस समय ड्राइवर और कंडक्टर मौजूद थे। दोनों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। साथ ही बस स्टॉप के आसपास मौजूद 5 से 7 दुकानों में लगभग 10-12 लोगों के होने की खबर है। इन 10-12 लोगों का अब तक पता नहीं लग पाया है और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है। जिला प्रशासन इन लोगों की खोजबीन में प्रयासरत है, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मदद भेजने की कोशिश जा रही है।
दोनों तरफ मार्ग बंद, राहत कार्य बुरी तरह प्रभावित
इस क्षेत्र के दोनों तरफ से पहुंच मार्ग बुरी तरह प्रभावित है, कई जगह सड़क टूट गई है तो कई जगह पहाड़ी से मालवा गिरने के बाद सड़क ब्लॉक है। जिसके कारण यहां पर मदद भेजना भी संभव नहीं हो पा रहा है। छेनागाड़ क्षेत्र के पास ही ताल जावण एरिया भी है, जहां पर बादल फटने की सूचना है। बताया जा रहा है कि कल रात की बारिश के बाद यह पूरा क्षेत्र क्लाउड भ्रष्ट से काफी अफेक्टेड हुआ है।
आपको बता दें कि हिमालय क्षेत्र में बादल फटना (क्लाउडबर्स्ट) एक घंटे में 100 मिमी से ज्यादा बारिश का अचानक होना है. यह छोटे इलाके (20-30 वर्ग किलोमीटर) में होता है। रुद्रप्रयाग में भी ऐसा ही हुआ, जहां भारी बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया।



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