देहरादून। स्कूली शिक्षा विभाग की महानिदेशक के निदेशालय में सक्षम स्तर से अनुमति लिए बगैर प्रवेश पर प्रतिबंध पर राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कहा कि विभाग राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड के जितने भी शिक्षक शिक्षिकाएं समग्र शिक्षा, सीमेट,विद्या समीक्षा केन्द्र, निदेशालय, शासन में अटैच है या कार्ययोजित है उन्हें तत्काल अपने मूल कार्यालय हेतु कार्यमुक्त कर दें। इसके बाद कोई भी शिक्षक महानिदेशालय के देहरे पर नहीं आएंगे।
शुक्रवार को उन्होंने महानिदेशक को भेजे ज्ञापन में कटाक्ष करते हुए कहा कि वास्तव में अब शिक्षक महानिदेशालय की देहरी पर नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि वो पहले भी शिक्षा निदेशालय के औचित्य पर सवाल खड़े कर चुके हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि जिस निदेशालय में सिर्फ यहां तैनात अधिकारियों/ कर्मचारियों के प्रमोशन की बात होती हो वहां शिक्षकां का क्या मतलब। उन्होंने कहा कि 2017 से शिक्षकों के प्रमोशन नहीं हुए। जबकि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के समय-समय पर प्रमोशन हो रहे हैं।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड की कई दौर की वार्ता माननीय शिक्षा मंत्री, सचिव विद्यालयी शिक्षा एवं विभागीय अधिकारियों के साथ हो गयी किन्तु केवल नीतिगत मांगों की बात की जाय तो केवल एक अन्तरमण्डलीय स्थानान्तरण को छोड़ दें तो पदोन्नति, चयन वेतनमान, वेतन वृद्धि, वेतन विसंगति, सभी को मत देने का अधिकार, यात्रा अवकाश जैसे महत्वपूर्ण ज्वलंत मुद्दों पर रोज झुनझुना ही पकड़ाया गया और राजकीय शिक्षक संघ को हाशिए पर रखने का प्रयास किया गया।
ज्ञापन में उन्होंने डीजी से अनुरोध किया कि राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड के जितने भी शिक्षक शिक्षिकाएं समग्र शिक्षा, सीमेट,विद्या समीक्षा केन्द्र, निदेशालय, शासन में अटैच है या कार्ययोजित है उन्हें तत्काल अपने मूल कार्यालय हेतु कार्यमुक्त करने की महति कृपा करेंगे।
अगर हमारे शिक्षक शिक्षिकाओं को इन सरकारी कार्यालयों से नहीं हटाया गया तो राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड प्रदेश स्तर पर आन्दोलन ही नहीं करेगा बल्कि समस्त इन कार्यालयों द्वारा संचालित गतिविधियों का बहिष्कार भी करेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही महानिदेशालय एवं विभाग की होगी।
कहा कि विभाग इस काम को कर दें, मै विश्वास दिलाता हूँ कि आज के बाद मेरा कोई भी शिक्षक, पदाधिकारी आपके कार्यालय की देहरी में नहीं आयेगा।


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