पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी जिले में जीएमओयू की बस बीते दिन हादसे का शिकार हो गई. बस 28 यात्रियों को लेकर पौड़ी से श्रीनगर आ रही थी. बस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हो गए. घायलों को जब पौड़ी जिला अस्पताल लाया गया तो वहां लाइट ना होने कारण घायलों का इलाज टॉर्च की रौशनी में किया गया. जो कि प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही है.
पौड़ी जिला अस्पताल, जो लंबे समय से विवादों में है, एक बार फिर लापरवाहियों के कारण चर्चा का विषय बन गया है। बीते दिन पौड़ी में हुए बस दुर्घटना के बाद जब घायलों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया, तो वहां बिजली नहीं थी। इस स्थिति के कारण घायलों का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया। अस्पताल की इस व्यवस्था से स्थानीय निवासियों में काफी नाराजगी है।
अस्पताल में जनरेटर की व्यवस्था
स्थानीय व्यापार सभा के अध्यक्ष विनय शर्मा और व्यापारी अरविंद रावत ने बताया कि पौड़ी जिला अस्पताल को सुधारने की मांग लगातार उठाई जा रही है। लेकिन जिला अस्पताल में सरकार और प्रशासन सुविधाओं को बेहतर करने में असफल रहे हैं। इसी लापरवाही के कारण पौड़ी अस्पताल में जनरेटर की सही व्यवस्था होने के बावजूद भी बिजली की समस्या बनी रही, जिससे घायल मरीजों का इलाज अंधेरे में करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर घायलों की मदद की, जो कि एक दुखद स्थिति है।
अस्पताल में स्टाफ की कमी
जिस तरह जिला अस्पताल में घायल मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में किया गया। इसी तरह, इस अस्पताल में स्टाफ की भी भारी कमी है, जिसके चलते स्थानीय लोगों ने खुद ही स्ट्रक्चर से घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया। ये सभी बातें यह दर्शाती हैं कि पौड़ी अस्पताल में अब तक व्यवस्थाएं सही नहीं हो पाई हैं। व्यापार सभा पौड़ी ने अस्पताल में बढ़ती समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आज, सोमवार को पूरे बाजार को बंद रखने का फैसला किया है।
पेड़ गिरने से चली गई थी बिजली
सीएमओ पौड़ी गढ़वाल , डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के पास एक पेड़ गिरने से बिजली चली गई थी। इसके अलावा, अस्पताल में लगे जेनरेटर में कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी, जिससे उसे चालू करने में थोड़ी देर हो गई। लेकिन अब समस्या का हल निकालकर जेनरेटर को चला दिया गया है।
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