Wednesday, 1 January 2025

एजुकेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव, इस साल से चौथी से 8वीं तक का बदलेगा सिलेबस



स्कूली शिक्षा के लिहाज से वर्ष 2025 काफी अहम है। इस साल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) के तहत जहां चार और नई कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आएंगी। इनमें चौथी, पांचवीं, सातवीं व आठवीं कक्षाएं की पाठ्यपुस्तकें शामिल है।

वहीं, इसी शैक्षणिक सत्र से यानी 2025- 26 से ही दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं भी साल में दो बार आयोजित होगी। इनमें पहली परीक्षा फरवरी- मार्च में तो दूसरी परीक्षा मई-जून महीने में आयोजित हो सकती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद से स्कूली शिक्षा को इन बदलावों के अमल को लेकर इंतजार था।

नई पाठ्यपुस्तकों से होगी पढ़ाई

इसके अलावा नीति के तहत स्कूलों के लिए तैयार होने वाली नई पाठ्यपुस्तकों की तो उसको लेकर काम नीति के आने के बाद से ही शुरू हो गया था। साथ ही अब तक बालवाटिका स्तर की तीन कक्षाओं सहित पहली, दूसरी, तीसरी व छठीं कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आ चुकी है। जबकि इस साल चार और कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आने के बाद स्कूलों में आठवीं तक की पढ़ाई नई पाठ्यपुस्तकें से ही शुरू हो जाएगी।

साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं

अगले साल बाकी बची कक्षाओं की यानी नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें भी आ जाएगी। शिक्षा मंत्रालय इन पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने से जुड़ा कार्यक्रम पहले ही घोषित कर चुका है। स्कूली शिक्षा में इस साल से जो एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगी, वह दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने का फैसला है।

कैसे होगा छात्रों का मूल्यांकन?

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पर शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही अमल होगा। यानी इस साल जो भी बच्चे दसवीं और बारहवीं कक्षाओं में आएंगे, उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दो बार मौका मिलेगा। इस दौरान वह इनमें से कोई एक परीक्षा या फिर दोनों परीक्षा में बैठ सकेंगे। साथ ही इनमें से जिस परीक्षा में उनके बेहतर अंक होंगे उन्हें ही अंतिम अंक माना जा जाएगा। यह परीक्षा ठीक जेइइ मेन की तरह की होगी। जिसमें छात्रों को अभी परीक्षा में शामिल होने के दो मौके मिलते है। इनमें से जिस परीक्षा में उनके अंक अधिक होते है, उन्हें ही अंतिम माना जाता है।

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