नई दिल्ली. सरकारी कर्मचारियों के पेंशन नियमों में एक बार फिर बदलाव किया गया है. अभी यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) लागू किए एक महीने भी नहीं हुए कि न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के निमयों में बड़ा बदलाव कर दिया गया. पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट ने बुधवार को एनपीएस को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है. यह गाइडलाइन सेंट्रल सिविल सर्विसेज (एनपीएस लागू होने के बाद) 2021 के नियमों को लेकर जारी की गई है.
कार्मिक मंत्रालय के तहत आने वाले इस विभाग ने अपनी इस गाइडलाइन में कहा है कि यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों और उनके लाभार्थियों को एनपीएस अंशदान की रकम रिफंड किए जाने को लेकर ज्यादा स्पष्टता लाने के लिए किया गया है. आपको बता दें कि एनपीएस को साल 2004 में लागू किया गया था और उसके बाद से लगातार इसके नियमों में बदलाव किया गया है. हालिया गाइडलाइन में एनपीएस से जुड़े 6 नियमों में बदलाव किया गया है.
जानिए दिलावर ने क्या कहा शिक्षकों के विषय में
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मदन दिलावर ने कहा, 'कई शिक्षिकाएं स्कूल अच्छे कपड़े नहीं पहन कर जाती। वे पूरे शरीर को दिखाकर चलती हैं, जिसका बच्चों पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता'। उन्होंने आगे कहा, 'उन शिक्षिका को सोचना चाहिए कि हम लोगों को किस तरीके के कपड़े पहनने चाहिए, क्या खाना चाहिए। कई टीचर्स स्कूल में गुटखा खाकर जाते हैं और इसका भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है'। अपने बयान के दौरान दिलावर यही नहीं रूके। दिलावर ने आगे कहा कि ' कई स्कूलों में अध्यापक तंगे खाते झूमते - झामते शराब पीकर जाते है, उनके इस कृत्य से बच्चे क्या सोचेंगे कि दारू पीना अच्छा रहता है। मास्टर जी भी पीकर आते हैं। ऐसे शिक्षक नहीं वो बच्चों के दुश्मन है'।
बदल दिए हैं 6 नियम
सरकारी खाते में जाएगी रकम : गाइडलाइन में कहा गया है कि सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल, 1972 के तहत अगर किसी एनपीएस खाताधारक की मौत हो जाती है या फिर उसे अयोग्य अथवा दिव्यांग करार देने के बाद नौकरी से हटा दिया जाता है तो इस केस में सरकार की ओर से किया गया अंशदान और उस पर मिला रिटर्न वापस सरकारी खाते में चला जाएगा.
वापस मिलेगा बचा हुआ पैसा : गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि ऐसी स्थिति में बचा हुआ पेंशन कॉपर्स उस कर्मचारी अथवा उसके नॉमिनी को एकमुश्त दे दिया जाएगा. पैसा रिफंड करने के लिए पीएफआरडीए के 2015 में जारी नियमों का पालन किया जाएगा.
समायोजित हो जाएगी पहले की राहत : साल 2004 में एनपीएस लागू होने के बाद 2009 में यह नियम बनाया गया था कि सीसीएस पेंशन रूल के तहत अगर कर्मचारी के लाभार्थियों को किसी परेशानी से बचाने के लिए पहले कोई राहत दी गई है तो उसे एनपीएस का फाइनल पेमेंट करने से पहले इसकी रकम से एडजस्ट कर लिया जाएगा.
पूरा पैसा सरकारी खाते में जाएगा : गाइडलाइन में कहा गया है कि साल 2015 में जारी रेगुलेशन के तहत अगर कर्मचारी की मौत के बाद उसके लाभार्थियों ने सीसीएस पेंशन रूल के तहत पहले ही लाभ ले लिया है तो कर्मचारी और सरकार की ओर से किए गए अंशदान की पूरी रकम और उसका रिटर्न भी सरकारी खाते में वापस चला जाएगा.
कब तक होगी ब्याज की गणना : गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि किसी कर्मचारी की मौत के बाद उसके कॉपर्स पर मिलने वाले रिटर्न की गणना पीपीएफ की ब्याज दर के आधार पर की जाएगी. यह ब्याज सिर्फ उस अवधि पर दिया जाएगा, जो समय कर्मचारी की मौत के बाद और पेंशन का कॉपर्स यानी फंड उनके लाभार्थियों को ट्रांसफर किए जाने के बीच बीतेगा.
ब्याज सहित लौटाना होगा पैसा : अगर सीसीएस नियमों के तहत पहले ही सारे लाभ दिए जा चुके होंगे और ऐसी स्थिति में अगर सरकारी अंशदान का पैसा सरकारी खाते में नहीं आया है तो एनपीएस से ब्याज सहित यह पैसा वापस सरकार को लौटाना होगा.
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