नए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इससे सबसे अहम नए सत्र से मिडिल यानी आठवीं तक पढ़ाई अब नई पाठ्यपुस्तकों से होगी, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। अगले कुछ महीनों में चार और कक्षाओं यानी चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें भी तैयार होकर बाजार में आ जाएगी।
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी) ने इन सभी पाठ्यपुस्तकों को समय से उपलब्ध कराने को लेकर तैयारी तेज कर दी है। यह है कि यह पाठ्यपुस्तकें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुरूप तैयार की जा रही है।
प्री प्राइमरी की जारी हो चुकी हैं किताबें
एनसीईआरटी इससे पहले प्री- प्राइमरी, पहली, दूसरी, तीसरी और छठीं कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें एनईपी के अनुरूप तैयार कर चुकी है, जिसे चालू सत्र से ही केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय सहित कई राज्यों में लागू भी कर दी गई है।
ऐसे में मिडिल स्तर की बाकी चार अन्य कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें भी लगभग तैयार है। अगले कुछ महीनों में यह सभी बाजार में आ जाएगी। एनसीईआरटी के मुताबिक इन पाठ्यपुस्तकों के आने के बाद अब सिर्फ सेकेंडरी स्तर की चार कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें आना शेष रह जाएगी, जिसे अगले दो सालों में लाने का लक्ष्य है। एनसीईआरटी ने इस पाठ्यपुस्तकों को स्कूलों में अमल में लाने के साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया जाएगा, जिसमें नई पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाने की टिप्स दी जा रही है।
प्रवेशिका पाठ्यपुस्तक
इसके साथ ही छात्रों को इन नई पाठ्यपुस्तकों से जोड़ने के लिए प्रवेशिका नाम से एक पाठ्यपुस्तक भी तैयार की है, जो पुरानी पाठ्यपुस्तकों को पढ़कर आने वाले छात्रों को नई पाठ्यपुस्तकें से जोड़ने का काम करेगी। यह सभी विषयों और सभी भाषाओं में तैयार की जा रही है। छात्रों को एनईपी के तहत तैयार नई पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाने से पहले इसे पढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि एनईपी के तहत स्कूली शिक्षा के ढांचे को चार स्तरों में बांट दिया गया है। इनमें पहला फाउंडेशनल ( प्री-प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक) , दूसरा प्री-परेटरी ( तीसरी से पांचवी कक्षा तक) , तीसरा मिडिल ( छठवीं से आठवीं कक्षा तक) और चौथा सेकेंडरी ( नौवीं से 12वीं कक्षा तक) स्टेज है।
नए सत्र से दसवीं और बारहवीं की दो बार बोर्ड परीक्षाएं
नए सत्र यानी 2025-26 से स्कूलों में जो एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगी, वह जेईई मेंन की तर्ज पर दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित होगी। शिक्षा मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव सीबीएसई को पहले से ही भेज दिया है। इनमें पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में जबकि दूसरी परीक्षा अप्रैल-मई में होगी।
छात्र इन दोनों परीक्षाओं में या फिर किसी एक में शामिल हो सकेंगे। हालांकि दोनों परीक्षा देने पर जिसमें छात्रों का प्रदर्शन बेहतर होगा, वहीं अंक अंतिम माना जाएगा। छात्रों को यह विकल्प उन्हें बोर्ड परीक्षाओं के तनाव के बचाने के लिए दिया जा रहा है।
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