Friday, 4 October 2024

D.A: महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी का काउंटडाउन शुरू, दिवाली से पहले कर्मियों को मिलेगी सौगात


केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को 4 फीसदी महंगाई भत्ता/महंगाई राहत मिलने का काउंट डाउन शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो डीए/डीआर की दरें बढ़ने का प्रपोजल तैयार हो चुका है। अब इसे केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकारी कर्मियों और पेंशनरों को नवंबर की सेलरी में डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की सौगात नजर आएगी। दीवाली से पहले महंगाई भत्ते/महंगाई राहत में वृद्धि की घोषणा हो सकती है।

गत वर्ष केंद्रीय कैबिनेट ने 18 अक्तूबर को महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दी थी। डीए/डीआर की दरें, एक जुलाई 2023 से लागू हुई थी। केन्द्र सरकार के 48.67 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ हुआ था। मौजूदा समय में 50 प्रतिशत की दर से डीए/डीआर मिल रहा है। अगर चार फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो डीए की दर 54 प्रतिशत हो जाएगी।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 2022 में 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। उस वर्ष 24 अक्तूबर को दीवाली थी, इसलिए सरकार ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा थी। गत वर्ष दीवाली 12 नवंबर की थी तो सरकार ने 18 अक्तूबर को महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने का एलान किया था।इस बार दीवाली, अक्तूबर के अंत में या एक नवंबर को मनाई जा सकती है। ऐसे में दशहरे के आसपास केंद्रीय कैबिनेट डीए/डीआर की दरों में वृद्धि के प्रस्ताव पर मुहर लगने की सम्भावना है। जनवरी 2024 में जब डीए की दरों में चार फीसदी की बढ़ोतरी (संभावित) हुई तो महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत पर पहुंच गया था। 

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने बताया, पहले सितंबर में ही डीए की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष है। यादव ने इस बाबत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। इसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि इन भत्तों को अविलंब जारी किया जाए।


यादव के मुताबिक, सरकार महंगाई भत्ते 'डीए' की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से करती है। इसके द्वारा सरकार, खुद अच्छा खासा लाभ कमा लेती है। डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर आर्थिक भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है।

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