देहरादून: प्रदेश में बेरोजगारों का शिक्षक बनने का सपना अधूरा रह गया। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सहायक अध्यापक एलटी के 1544 पदों के लिए भर्ती के दौरान शासन के आदेश के बावजूद आयु सीमा में छूट नहीं दी।
शासन का आदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा से ठीक एक दिन पहले जारी हुआ। आयोग के सचिव सुरेंद्र रावत के अनुसार परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी होने के बाद इस तरह के आदेश को लागू करना संभव नहीं था। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 में सहायक अध्यापक एलटी के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें कला विषय के बीएड उपाधिधारकों के अलावा नॉन बीएड अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया। भर्ती परीक्षा आठ अगस्त 2021 को हुई थी। परीक्षा के बाद अभ्यर्थी लंबे समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे, लेकिन कुछ बीएड अभ्यर्थियों द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद 2023 में भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई। UKSSSC ने चार साल के बाद 18 अगस्त 2024 को सहायक अध्यापक के 1544 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की।
आयु सीमा समाप्त होने पर कुछ अभ्यर्थी भर्ती से बाहर
हालांकि शासन के आदेश के बावजूद कुछ अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि इन चार वर्षों में उनकी आयु सीमा समाप्त हो चुकी थी। 18 अगस्त को हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक दिन पहले, 17 अगस्त को शासन ने आयोग को पत्र लिखकर सूचित किया कि 2020 में सहायक अध्यापक एलटी के कला विषय की भर्ती रद्द कर दी गई थी। पत्र में कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों ने उस समय आवेदन किया था, वे उस अवधि में आयु सीमा के तहत अर्ह थे, लेकिन वर्तमान भर्ती में उनकी आयु सीमा समाप्त हो चुकी है। शासन ने अनुरोध किया कि इन अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट दी जाए या उनके 2020 के आवेदन को मान्यता दी जाए।
UKSSSC के सचिव का बयान
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पिछली भर्ती केवल एलटी कला विषय की थी। आयोग ने सरकार को सुझाव दिया था कि कई अभ्यर्थी आयु सीमा पार कर जाएंगे, लेकिन कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ। कोर्ट गए अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किया गया, जबकि आयु सीमा पार कर चुके अन्य अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी होने और आवेदन की तिथि निकल जाने के बाद उन्हें शामिल करना संभव नहीं था।
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