कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों एवं दुर्गम क्षेत्रों में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षक वास्तव सम्मान के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं शिक्षा के क्षेत्र में आपकी सेवाओं और प्रतिबद्धता के लिए प्रदेशवासियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ’’।
राज्यपाल ने कहा कि गुरु का स्थान सबसे ऊपर है। राज्य शैक्षिक पुरस्कार से चयनित उत्कृष्ट शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन, विशेष रूप से, हर व्यक्ति को अपने विद्यार्थी जीवन की अवश्य ही याद आती है और अपने शिक्षक भी याद आते हैं। अपने गुरुओं को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गुरुओं द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी मार्गदर्शन और प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन शिक्षकों के प्रति आदर सम्मान प्रकट करने का दिन है। आज के दिन सम्मानित हो रहे शिक्षकों ने समाज में ज्ञान का संचार एवं अपने अनुभव और मार्गदर्शन से विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने का कार्य किया है। भारतीय संस्कृति में गुरु का सर्वोच्च स्थान होता है। शिक्षक हर स्थिति में अपने विद्यार्थी को मार्गदर्शन देने का कार्य करता है। गुरु ही अपने प्रकाश से अंधकार की अज्ञानता को दूर करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। शिक्षकों को नवाचार से जोड़ने पर निरंतर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षक हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी शिक्षकों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण मनोयोग से किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी पुरस्कार के तहत मिलने वाली धनराशि को दस हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किए जाने की घोषणा की।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी। कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मान समारोह की विस्तृत जानकारी दी। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, शिक्षा विभाग के अन्य उच्च अधिकारीगण और पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं व उनके परिजन उपस्थित रहे।
इन शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार
जिन शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया उसमें पौड़ी के राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कोटद्वार के नफीस अहमद, चमोली से कुसुम लता गढ़िया, उत्तरकाशी से कुसुम चौहान, देहरादून से सुमन चमोली, टिहरी गढ़वाल से कंचन बाला, रुद्रप्रयाग से अरुणा नौटियाल, चंपावत से खड़क सिंह बोरा, बागेश्वर से नरेंद्र गिरी, नैनीताल से भावना पलडिया, पिथौरागढ़ से चंद्रशेखर जोशी और अल्मोड़ा से राम सिंह, माध्यमिक शिक्षा में पौड़ी से दौलत सिंह गोसाई, हरिद्वार से राजेंद्र कुमार, नैनीताल से प्रदीप कुमार उपाध्याय, चंपावत से श्याम दत्त चौबे और उधम सिंह नगर से मधुसूदन मिश्र, अल्मोड़ा से निर्पेश कुमार जोशी, नैनीताल से डॉ देवेन्द्र प्रसाद हरबोला शामिल हैं। इनके अलावा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव के डॉक्टर नारायण प्रसाद उनियाल को यह सम्मान दिया गया।
- राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कोटद्वार के नफीस अहमद,
- चमोली से कुसुम लता गढ़िया,
- उत्तरकाशी से कुसुम चौहान,
- देहरादून से सुमन चमोली,
- टिहरी गढ़वाल से कंचन बाला,
- रुद्रप्रयाग से अरुणा नौटियाल,
- चंपावत से खड़क सिंह बोरा,
- बागेश्वर से नरेंद्र गिरी,
- नैनीताल से भावना पलडिया,
- पिथौरागढ़ से चंद्रशेखर जोशी और
- अल्मोड़ा से राम सिंह,
- माध्यमिक शिक्षा में पौड़ी से दौलत सिंह गोसाई,
- हरिद्वार से राजेंद्र कुमार,
- नैनीताल से प्रदीप कुमार उपाध्याय,
- चंपावत से श्याम दत्त चौबे और
- उधम सिंह नगर से मधुसूदन मिश्र शामिल हैं।
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव के डॉक्टर नारायण प्रसाद उनियाल
- अल्मोड़ा से निर्पेश कुमार जोशी
- नैनीताल से डॉ देवेन्द्र प्रसाद हरबोला
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