Thursday 29 August 2024

Uttarakhand: बाहरी लोगों की संख्या 40 लाख पार, भू-कानून और मूल निवास महारैली गैरसैंण में 1 सितंबर को



चमोली: मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि खटीमा-मसूरी गोलीकांड की बरसी के अवसर पर एक सितंबर को गैरसैण में मूल निवास स्वाभिमान महारैली आयोजित की जाएगी।

गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने व भू-कानून लागू करने और मूल निवास की मांगों को लेकर भू-कानून समन्वय समिति ने कर्णप्रयाग और ग्वालदम में बैठकें आयोजित कीं। इन बैठकों में 1 सितंबर को गैरसैंण में होने वाली महारैली को सफल बनाने पर जोर दिया गया। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने चिंता व्यक्त की कि प्रदेश में बाहरी लोगों की संख्या 40 लाख से अधिक हो गई है, जो नौकरी, रोजगार, जल, जंगल और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। 31 अगस्त को कर्णप्रयाग में मशाल जुलूस और लाउडस्पीकर के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रैली में शामिल होने की अपील की जाएगी। ग्वालदम में समिति के नारायण सिंह बिष्ट ने महारैली के लिए समर्थन जुटाया। बैठक में समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने महारैली को सफल बनाने के लिए समर्थन देने की अपील की।

ऐतिहासिक होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली, जुटेंगे हजारों लोग

संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने जोर देकर कहा कि गैरसैंण में प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान महारैली ऐतिहासिक होगी, जिसमें स्थायी राजधानी गैरसैंण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि अपनी जमीन और मूल निवासियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए आंदोलन अनिवार्य है। उन्होंने गैरसैंण को ‘हमारी आत्मा’ बताते हुए इसे स्थायी राजधानी बनाने के संघर्ष को जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया। सह संयोजक लुशुन टोडरिया और सचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि गैरसैंण पहाड़ की आत्मा है और यहां से शुरू होने वाला मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन पूरे राज्य में फैलाया जाएगा।

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