देहरादून: उत्तराखंड में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जितने महत्वपूर्ण हैं, उतनी ही अहमियत पंच बदरी और पंच केदार की भी है। अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने की पहल शुरू कर दी है।
उत्तराखंड में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की जितनी प्रतिष्ठा है, उतनी ही पंच बदरी और पंच केदार की भी महत्ता है, क्योंकि ये भी बदरी-केदार धाम का ही हिस्सा हैं। अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैबिनेट की बैठक में पर्यटन विभाग द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। पंच बदरी में श्री बदरी नारायण (बदरीनाथ धाम), आदि बदरी, वृद्ध बदरी, योग ध्यान बदरी और भविष्य बदरी शामिल हैं, जबकि पंच केदारों में केदारनाथ धाम, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर और कल्पेश्वर महादेव आते हैं। ये सभी मंदिर न केवल श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केंद्र हैं, बल्कि पुरातात्विक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद यूनेस्को से होगा अनुदान प्राप्त
अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है। इसके लिए यूनेस्को की गाइडलाइनों के अनुरूप प्रारूप तैयार करने में मुंबई के एएनएल एसोसिएट के कंजर्वेशन आर्किटेक्ट पर्यटन विभाग की सहायता करेंगे। प्रारूप तैयार होने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जो आगे इसे यूनेस्को के पास भेजेगी। अगर पंच बदरी और पंच केदार के मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाता है, तो इनके संरक्षण के लिए यूनेस्को से अनुदान प्राप्त होगा। इसके अलावा इन मंदिरों की पूरी जानकारी यूनेस्को की हेरिटेज साइट पर भी उपलब्ध रहेगी।
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