Dehradun: सड़क और यातायात सुधार की दिशा में शहर की सबसे बड़ी परियोजना एलिवेटेड रोड का रास्ता साफ दिख रहा है।रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारों पर 26 किलोमीटर से अधिक लंबी और 5500 करोड़ रुपये से अधिक के बजट वाली एलिवेटेड रोड की डीपीआर की मंजूरी की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। हालांकि, इससे पहले आईआईटी रुड़की से डीपीआर का परीक्षण मॉडल स्टडी के आधार पर कराया जाएगा। ताकि यह पुष्ट किया जा सके कि दोनों नदियों में अधिकतम बहाव की स्थिति में भी परियोजना महफूज रह सके। मॉडल स्टडी के लिए आईआईटी रुड़की को यह जिम्मा 45 लाख रुपये में दिया गया है। साथ ही 04 माह के भीतर स्टडी पूरी करनी होगी।
बिंदाल व रिस्पना नदी के किनारों पर चार से छह लेन के बीच एलिवेटेड रोड बनाने की कवायद पहली बार वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। हालांकि, बाद में कोरोना संक्रमण के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। शहर में बढ़ती यातायात की चुनौती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने अप्रैल 2022 में इसकी पत्रावली तलब की थी। जिसके क्रम में डीपीआर की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ ही माडल स्टडी कराई जा रही है।
लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक दोनों एलिवेटेड रोड की लंबाई 26 किमी से अधिक होगी। माडल स्टडी का गणितीय माडल परियोजना के पूरे क्षेत्र में कराया जाएगा, जबकि धरातलीय स्टडी के लिए संकरे व अन्य संवेदनशील क्षेत्रों का चयन किया जाएगा। इसके आधार पर डीपीआर को अपग्रेड भी किया जा सकता है। स्टडी की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और स्वीकृति के मुताबिक निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। परियोजना में 5500 करोड़ रुपये से अधिक लागत आने का अनुमान लगाया गया है।
यह होगा एलिवेटेड रोड का दायरा, मिलेगा यह लाभ
पहली एलिवेटेड रोड विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुर रोड से सटे नागल पुल पर जुड़ेगी। दूसरी एलिवेटेड रोड पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से शुरू होगी और न्यू कैंट रोड के हाथीबड़कला जंक्शन पर जुड़ेगी। दोनों रोड का उद्देश्य बाहरी क्षेत्र से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश कराए बिना मसूरी रोड से जोड़ना है। ताकि शहर के भीतर वाहनों का अनावश्यक दबाव न बढ़ सके।
नदी के दोनों किनारों को कवर करते हुए होगा निर्माण
लोनिवि के अधिकारियों के मुताबिक एलिवेटेड रोड का निर्माण रिस्पना और बिंदाल नदी के दोनों किनारों पर पिलर खड़े करते हुए किया जाएगा। यह सड़क पिलर पर सामान्य से अधिक लंबे फलाईओवर की शक्ल में तैयार की जाएगी।
यह होगी परियोजना की लंबाई
रिस्पना पुल से नागल पुल तक, 11 किलोमीटर
लालपुल से हाथीबड़कला जंक्शन तक, 15 किलोमीटर
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