Friday, 15 December 2023

सच में मोटा रिटर्न देते हैं म्‍यूचुअल फंड, करोड़पति बनते नहीं लगती देर, पर उत्‍साह में न भूलें ये 3 बातें

 


म्‍यूचुअल फंड सही है! ये विज्ञापन आपने बहुत बार देखा होगा, जोकि बिलकुल सही भी है. इसी विज्ञापन से प्रभावित होकर लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने को आतुर हैं. निवेश करने वालों को हमेशा यही उम्‍मीद रहती है कि अच्‍छा रिटर्न मिले. ज्‍यादातर मामलों में ऐसा होता भी है और निवेशकों को अच्‍छा रिटर्न मिल जाता है. ऐसे-ऐसे फंड्स हैं कि निवेश की रकम के हिसाब से 10 सालों में भी करोड़पति बना देते हैं. परंतु, कुछ लोग ज्‍यादा उत्‍साह में आकर सावधानी नहीं बरतते और अपने पैसे गंवा बैठते हैं. यदि आप भी म्‍यूचुअल फंड्स की तरफ आकर्षित हो रहे हैं तो आपको 3 बातों को गांठ बांध लेना चाहिए.

दरअसल, शेयर बाजार की अस्थिरता से ज्यादातर निवेशक खुश नहीं होते हैं, लेकिन एसेट क्लास में विविधीकरण करके मोटा रिटर्न कमाया जा सकता है. एसेट क्लास अपने खुद के चक्रों का पालन करते हैं और उनके उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी करना कभी आसान नहीं होता है. लिहाजा निवेशकों को निवेश के निर्णयों में सीजन एसेट क्लास के फ्लेवर के झांसे में नहीं आना चाहिए. इसके बजाय अपने पोर्टफोलियो के लिए एक संतुलित एसेट रणनीति का पालन करना चाहिए. इसके लिए मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड फिट बैठते हैं और निवेशकों के लिए सबसे अच्छा अवसर प्रदान करते हैं.

क्‍यों बेहतर हैं मल्‍टी एसेट फंड
एडवाइजर खोज के सह संस्थापक द्वैपायन बोस कहते हैं कि मल्टी एसेट फंड हाइब्रिड फंड हैं और सेबी के नियमों के मुताबिक, फंड हाउसों को अपने फंड का न्यूनतम 10% कम से कम तीन एसेट क्लास में निवेश करना होगा. इन तीन एसेट क्लास में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी, डेट और कमोडिटी का मिला जुला क्लास हो सकता है. इस तरह की रणनीति के लिए सभी एसेट क्लास में निवेश की जरूरत होती है बाजार की अस्थिरता के बावजूद इस निवेश को स्थिर रखा जाना चाहिए.


3 चीजों का हमेशा रखें ध्‍यान
1- सबसे पहले प्रत्येक एसेट क्लास से सर्वोत्तम रिटर्न पाने के लिए सुनिश्चित करें कि फंड लेबल के अनुरूप है और एसेट आवंटन मिश्रण में बदलाव नहीं है. उदाहरण के तौर पर निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड घरेलू और विदेशी इक्विटी, कमोडिटी और डेट में 50:20:15:15 के निवेश अनुपात को कभी नहीं बदला है. इस तरह का अनुशासित निवेश दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक हमेशा लाभ में रहें.

2- ऐसा फंड चुनना है जिसका अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में भी निवेश हो. उदाहरण के लिए निप्पॉन मल्टी एसेट फंड जो चार परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करता है और कॉर्पस का 20% हिस्सा अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में जाता है. सुंदरम, इनवेस्को और एक्सिस जैसे अन्य मल्टी एसेट फंड भी वैश्विक बाजारों में निवेश करते हैं.

3- मल्टी एसेट फंड में निवेश करने का तीसरा फायदा निवेशकों को मिलने वाला इंडेक्सेशन लाभ है. इंडेक्सेशन आपको फंड से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने में मदद करता है, क्योंकि निवेश के मूल्य की गणना महंगाई जैसे कारकों को ध्यान में रखकर की जाती है और इससे आपको अधिक लाभ मिलता है.


कितना रहा है रिटर्न
पिछले एक साल में मल्टी एसेट फंड ने अच्छा रिटर्न दिया है. अगर सिर्फ निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड की बात करें तो 15.72% रिटर्न के साथ सबसे आगे है. उसके बाद 13.85% के साथ मोतीलाल ओसवाल और 13.74% के साथ एचडीएफसी मल्टी एसेट फंड है. टाटा मल्टी एसेट फंड का रिटर्न इस दौरान 12.71% रहा है.

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