केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2024 में आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए अधिक बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) शुरू करके और लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के लिए भारांक (वेटेज) कम करके अपनी मूल्यांकन योजना को नया रूप दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
हालांकि, यह बदलाव केवल 2023-24 शैक्षणिक सत्र तक ही सीमित हो सकता है, क्योंकि अगले साल नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) की शुरुआत के साथ बोर्ड परीक्षाओं में सुधार होने की संभावना है. सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) जोसेफ इमैनुएल ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में 21वीं सदी की चुनौतियों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने के लिए छात्रों की रचनात्मक और महत्वपूर्ण सोच क्षमताओं को विकसित करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए रट्टा मारने से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.''
उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए परीक्षा और मूल्यांकन प्रथाओं में योग्यता केंद्रित शिक्षा के मूल्यांकन को शामिल करने के लिए बदलाव ला रहा है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अगले सत्र में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग पर अधिक प्रश्न होंगे.''
कक्षा 10वीं में, 50 प्रतिशत सवाल एमसीक्यू आधारित प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता-आधारित होंगे. पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का भारांक 40 प्रतिशत था. वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत भारांक के साथ बहुविकल्पीय होंगे.
लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भारांक पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. इसी तरह, कक्षा 12वीं में, 40 प्रतिशत प्रश्न एमसीक्यू प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता-आधारित होंगे.
पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का भारांक 30 प्रतिशत था. बारहवीं कक्षा में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत भारांक के साथ बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे. लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भारांक पिछले वर्ष के 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है.
ANMOL
ReplyDelete25156050
ReplyDelete25156050
ReplyDeleteMaina pandey
ReplyDeleteMaina pandey
ReplyDelete