माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का अंत फिल्मी अंदाज में होगा ऐसा किसने सोचा होगा। सांसद, चार बार विधायक रहे माफिया अतीक पर 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार उमेश पाल अपहरण कांड में उसे दोषी ठहराया गया।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के सबसे बुरे दिनों की शुरुआत हो गई थी। अतीक ने क्राइम के दम पर अपनी पहचान बनाई। फिर उसी पहचान के बलबूते राजनीति में एंट्री ली। 28 साल की उम्र में विधायक बना तो ताकत दोगुनी हो गई। जो भी सामने आया वो मारा गया। हर हाई प्रोफाइल हत्याकांड में नाम अतीक का आया।
एक के बाद एक 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन कभी किसी केस में सजा नहीं हुई। 44 साल बाद 28 मार्च 2023 को अतीक को उमेश पाल अपहरण कांड में पहली बार सजा सुनाई गई। अतीक के साथ मारा गया अशरफ भी अपने भाई के हमेशा साथ रहा। हर बड़े मुकदमे में अतीक के साथ अशरफ नामजद था।
44 साल में 101 केसों के बाद पहली बार साबित हुआ था दोषी
अतीक अहमद को इसी साल 29 मार्च को (18 दिन पहले) उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अतीक के साथ दोषी करार दिए गए दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए थे।
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