Wednesday, 26 April 2023

प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित, 1980 में यूं शुरू हुआ था चंदन राम दास का राजनीतिक सफर


 कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की पहले भी विधानसभा सत्र के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। तब उन्हें सत्र छोड़कर जाना पड़ा था। बुधवार को एक बार फिर उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी। दोपहर करीब एक बजे सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था।

प्रदेश के परिवहन कल्याण मंत्री बागेश्वर के विधायक चंदन राम का राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरूआत की।

बुधवार को भाजपा ने अपना एक कर्मठ नेता खो दिया। चंदन रामदास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इससे पहले भी विधानसभा सत्र के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। तब उन्हें सत्र छोड़कर जाना पड़ा था। बुधवार को एक बार फिर उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी। उन्हें जिला अस्पताल बागेश्वर में भर्ती कराया गया था। दोपहर करीब 1:00 बजे सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल भर्ती किया गया है। 

उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर मिलने पर जिला मुख्यालय में बैठक छोड़कर जिले के प्रभारी मंत्री सौरव बहुगुणा, डीएम एसपी समेत तमाम आला अधिकारियों का अस्पताल में जमावड़ा लग गया। कुछ देर बाद उनके निधन की खबर सामने आई। 

2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर चंदन रामदास भाजपा में शामिल हुए थे। 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए। उनके निधन पर 26 से 28 अप्रैल तक प्रदेश में राजकीय शोक घोषित किया गया है। 



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