बिहार चुनाव 2025 को लेकर एग्जिट पोल (Bihar Exit Poll 2025) सामने आ गए हैं। सभी एग्जिट पोल्स में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है।
मैट्रिज IANS, चाणक्य स्ट्रैटिजिस से लेकर पोलस्ट्रेट तक के एग्जिट पोल में एनडीए को भारी बहुमत मिलती दिख रही है। वहीं, महागठबंधन को झटका लगता दिख रहा है। जागरण महापोल में एनडीए को 144, महागठबंधन को 94 और अन्य का खाते में 5 सीटें जाती दिख रही हैं।
दूसरी ओर, 3 ऐसे एग्जिट पोल भी हैं, जिसमें पार्टीवार सीटों का नंबर भी जारी किया गया है।
मैट्रिज IANS का एग्जिट पोल
मैट्रिज IANS ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी को 65-73 सीटें दी हैं। 101 सीटों पर लड़ रही जदयू को 67-75 सीटें दी हैं। 146 सीटों पर चुनाव लड़ रही राजद को 53-58 सीटें दी हैं। वहीं, 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस को 10-12 सीटें मिलने का अनुमान है।
चाणक्य स्ट्रैटेजिस का एग्जिट पोल
चाणक्य स्ट्रैटेजिस ने बीजेपी को 70-75 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। वहीं, जदयू को 52-57 सीटें मिलने का अनुमान है। राजद को 75-80 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 17-23 सीटें मिलने का अनुमान है।
पोलस्ट्रेट का एग्जिट पोल
पोलस्ट्रेट ने भी बीजेपी को 68-72 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। जदयू को 55-60 सीटें मिल सकती हैं। राजद को 65-72 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 9-13 सीटें मिलने का अनुमान है।
बंपर वोटिंग हो सकता है पहला कारण?
पहले और दूसरे चरण में बिहार विधानसभा के अब तक के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई है। 6 नवंबर को पहले चरण के तहत 121 सीटों पर 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। वहीं, 11 नवंबर को दूसरे चरण की 122 सीटों पर शाम पांच बजे तक 68 फीसदी से ज्यादा मतदान हो चुका था। इसके बाद से यह माना जा रहा है कि नतीजे जिस भी गठबंधन के पक्ष में रहेंगे, वो एकतरफा रह सकते हैं।
नीतीश के चेहरे पर मुहर?
जब चुनाव ने जोर पकड़ा तो महागठबंधन इस बात को लेकर मुखर था कि क्या एनडीए नीतीश कुमार के नाम ही मुहर लगाएगा? जब महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों पर तालमेल तय हुआ तो इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह एलान कर दिया कि सरकार बनने की स्थिति में तेजस्वी ही मुख्यमंत्री होंगे। इसके बाद महागठबंधन ने नीतीश कुमार की एनडीए के अंदर स्थिति को लेकर और आक्रामकता के साथ सवाल उठाने शुरू कर दिए। हालांकि, पहले चरण की वोटिंग नजदीक आते-आते एनडीए के बड़े नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सत्ता कायम रहने की स्थिति में नीतीश कुमार ही विधायक दल के नेता चुने जाएंगे और वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे। एग्जिट पोल्स के अनुमान अगर सही साबित होते हैं तो नीतीश कुमार के नेतृत्व पर एक बार फिर मुहर लगेगी।

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