Saturday, 22 November 2025

उत्तराखंड: स्कूल परिसर से बरामद हुई विस्फोटक सामग्री, 161 जिलेटिन स्टिक मिलने से हडकंप.. एक्शन में पुलिस

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से एक सनसनीखेज घटना सामने आई। यहां एक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परिसर में झाड़ियों के बीच से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। पुलिस को मौके से कुल 161 जिलेटिन की बेलनाकार छड़ें मिली हैं, जिन्हें सुनियोजित तरीके से झाड़ियों के भीतर छिपाकर रखा गया था। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।



जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा के प्रभारी प्रधानाचार्य सुभाष सिंह सुबह नियमित निरीक्षण के दौरान स्कूल परिसर की झाड़ियों के पास पहुंचे। इसी दौरान उन्हें एक संदिग्ध पैकेट दिखाई दिया। संदेह होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही अपर उपनिरीक्षक दीवान सिंह बिष्ट, लोमेश कुमार और उनकी टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों से बम निरोधक दस्ते (BDS) और डॉग स्क्वॉड को बुलाया। कुत्ते मौली और रैम्बो की मदद से स्कूल परिसर के प्रत्येक हिस्से की बारीकी से जांच की गई। तलाशी के दौरान पहले एक जगह से कुछ पैकेट बरामद हुए, उसके बाद लगभग 15–20 फीट दूर दूसरी जगह पर पैकेट मिले। पुलिस को कुल मिलाकर संख्या 161 जिलेटिन स्टिक मिली।

अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

बम निरोधक टीम ने सभी पैकेटों को एकत्र कर सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सील कर दिया। पुलिस ने मामले में Explosive Substances Act, 1908 की धारा 4(A) और बीएनएस की धारा 288 के अंतर्गत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अल्मोड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक स्कूल परिसर में कैसे और किसके द्वारा छिपाए गए थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा को देखते हुए इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जानिए क्या होता है जिलेटिन स्टिक?

जिलेटिन स्टिक एक शक्तिशाली विस्फोटक होती है, जिसमें नाइट्रोग्लिसरीन और अन्य रासायनिक पदार्थ शामिल होते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से खनन कार्य, सड़क निर्माण, सुरंग बनाने और पत्थर तोड़ने जैसे कार्यों में नियंत्रित विस्फोट के लिए किया जाता है। इसे डेटोनेटर और फ्यूज वायर के साथ जोड़कर विस्फोटित किया जाता है। गलत तरीके से संभालने पर यह बड़े हादसे का कारण बन सकती है। भारत में बिना अनुमति जिलेटिन स्टिक रखना या उसका परिवहन करना गैरकानूनी है। Explosives Act, 1908 के तहत इसके लिए कड़ी सज़ा और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

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