राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की एक महत्वपूर्ण आपात कालीन बैठक हुई जिसमें प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती की विज्ञप्ति राजकीय शिक्षक संघ के बहुसंख्यक शिक्षकों के हितों की भावनाओं को दरकिनार करते हुए जारी की गई जिसकी ध्वनि मत से निंदा की गई। राजकीय शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार की ओर से राजकीय शिक्षक संघ से बैठक के दौरान आश्वस्त किया गया था कि एक सप्ताह के अंदर सचिव कार्मिक जी की अध्यक्षता में बैठक के बाद शिक्षकों के मांगों पर निर्णय लिया जाएगा किंतु दुर्भाग्य है कि प्रदेश के शीर्ष मुखिया आदेश के फलस्वरूप भी हठधर्मिता से विज्ञप्ति जारी कर शिक्षकों के आंदोलन को भड़काने का काम किया गया। सीधी भर्ती परीक्षा को निरस्त करवाने के लिए संगठन ने आज रणनीति बनाई कि संगठन 25 तारीख़ के बाद श्रीनगर में और नैनीताल में एक विशाल जलूस निकाला जाएगा और उसके पश्चात देहरादून में माननीय शिक्षा मंत्री जी के आवास का घेराव किया जाएगा जिसमें पूरे प्रदेश के शिक्षक शामिल होंगे। साथ ही सामूहिक निर्णय लिया कि अगर सरकार की ओर से शिक्षकों की इसी तरह उपेक्षा की गई तो शिक्षक आत्मदाह जैसे कठोर निर्णय ले सकता है और यह भी निर्णय लिया गया कि 25 तारीख़ से राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का हर सदस्य अपने खून से अपनी न्यायोचित मांगों को पोस्ट कार्ड पर लिख कर माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार जी को प्रेषित किया जाएगा।
सामूहिक निर्णय लिया गया कि माननीय शिक्षा मंत्री जिस क्षेत्र में जाएँगे शिक्षक मंत्री जी के कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे और अपनी मांगों के लिए घेराव करेंगे और अपने क्षेत्र के सभी विधायकों को अपनी मांगों से अवगत कराएँगे और मुख्यमंत्री को पत्र लिखायेंगे। राजकीय शिक्षक संघ ने अपने उत्तराखंड के समस्त शिक्षकों शिक्षिकाओं से अपील की कि सभी सदस्य जिन्होंने अभी तक प्रभार नहीं छोड़ा सभी तत्काल प्रभार त्याग के साथ खंड शिक्षा अधिकारी के ग्रुप को छोड़ दें और किसी भी तरह की सूचना स्कूल से प्रेषित न करें चाहिए एम डी एम हो या उपस्थिति या कोई अन्यत्र कार्य हो, केवल शिक्षण कार्य किया जायेगा। अन्त में सभी ने सामूहिक निर्णय लिया कि जब तक सीधी भर्ती निरस्त नहीं की जाती तब तक संगठन आर पार की लड़ाई जारी रखेगा। बैठक में बी एल ओ ड्यूटी न करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रांतीय कार्यकारिणी मंडल कार्यकारिणी 13 जनपद कार्यकारिणी उपस्थित थी।

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