Monday, 12 May 2025

कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन शायना कौन हैं? मिल चुका है दादा साहेब फाल्के पुरस्कार; क्यों कहा जाता 'वंडर वुमेन'

 नई दिल्ली। Who is Shyna Sunsara: ऑपरेशन सिंदूर के बारे में देश को बताने वालीं कर्नल सोफिया कुरैशी की हर तरफ चर्चा है। भारतीय सेना की 'सिग्नल कोर' से जुड़ी सोफिया उन दो महिला अधिकारियों में से एक थीं, जिन्होंने 7 मई को भारत के सफल सैन्य अभियान के बारे में दुनिया को जानकारी दी थी।



'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सोफिया कुरैशी (Sophiya qureshi) का नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है और लोग उनकी बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोफिया कुरैशी की एक जुड़वां बहन भी हैं, जिन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

2018 में मिला था दादा साहब फालके अवार्ड

बहुत कम लोग जानते हैं कि कर्नल सोफिया कुरैशी की एक जुड़वां बहन शायना सुनसारा के बारे में। अब आपको शायना सुनसारा के बारे में विस्तार से बताते हैं।

  • कर्नल कुरैशी और शायना सुनसारा का जन्म गुजरात के वडोदरा में एक सैन्य परिवार में हुआ था।
  • शायना सुनसारा एक फैशन डिजाइनर, मॉडल और एक्टर हैं। उन्हें 2018 में दादा साहब फालके अवार्ड मिल चुका है।
  • इंस्टाग्राम पर शायना मॉडलिंग और फिटनेस से जुड़ा पोस्ट शेयर करती रहती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
  • हाल ही में उन्होंने अपनी बहन कर्नल सोफिया कुरैशी का भी वीडियो शेयर किया था।

गुजरात में लगा चुकी हैं 1 लाख पेड़

शायना सुनसारा ने गुजरात में 100,000 पेड़ लगाकर राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की।साथ ही मिस यूनाइटेड नेशंस 2018, मिस इंडिया अर्थ वर्ल्ड पीस रह चुकी हैं।

रिश्तेदार ने बहन सोफिया की ब्रीफिंग पर दी थी जानकारी

उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने बहन की ब्रीफिंग के बारे में भी बात की। शायना सुनसारा ने बताया, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब उनकी बहन ब्रीफिंग के जरिए टीवी पर लोगों को इसकी जानकारी दे रही थी, तो न उन्हें और उनके परिवार को इसके बारे में जानकारी थी।

राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट

शायना मिस गुजरात का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। साथ ही राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। उन्हें वडोदरा की 'वंडर वुमन' के नाम से जाना जाता है।

कर्नल कुरैशी पहली बार कब चर्चा में आईं?

कर्नल सोफिया कुरैशी पहली बार 2016 में तब चर्चा में आईं जब वह किसी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। वह 1999 में भारतीय सेना के सिग्नल कोर में शामिल हुईं और अब ऑपरेशन सिंदूर ब्रीफिंग में प्रमुख महिला अधिकारियों में से एक हैं।

कर्नल कुरैशी ने 1997 में महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की। ​​वह फिलहाल अपने पति के साथ भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं। वह किसी सेना का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी भी है।

बहन सोफिया को इनसे मिली थी प्रेरणा-शायना

दोनों बहनों के पिता भी सशस्त्र बलों में थे और उनके दादा भी। सुनसारा ने यह भी कहा था कि उनके चाचा बीएसएफ में थे। इससे पहले कर्नल कुरैशी ने एक इंटरव्यू में बताया था उनकी परदादी रानी लक्ष्मी बाई के साथ थीं, जिन्हें सुनसारा ने अपनी जुड़वां बहन की 'प्रेरणा' बताया।

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