Saturday, 10 May 2025

उत्तराखंड: इन 7 अस्पतालों ने गोल्डन कार्ड योजना के तहत इलाज देना किया बंद, ये हो रही है समस्या


देहरादून: राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना आयुष्मान के तहत सात निजी अस्पतालों ने गोल्डन कार्ड पर उपचार बंद कर दिया है। इस योजना के तहत कर्मचारियों के आश्रितों को कैशलेस इलाज चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जाती है।

राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गोल्डन कार्ड योजना के तहत कैशलेस चिकित्सा सुविधा शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत अब तक चार लाख से अधिक कर्मियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। गोल्डन कार्ड के तहत कार्यरत कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी पद श्रेणी के अनुसार 250 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक का अंशदान देते हैं। इस अंशदान का उपयोग कैशलेस चिकित्सा देखभाल के खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

इलाज में अंशदान से अधिक लागत

लेकिन वर्तमान में इलाज से जुड़ी लागत कर्मियों और पेंशनभोगियों से मिलने वाले अंशदान से अधिक हो रही है. जिसके कारण अस्पतालों पर ₹130 करोड़ तक का भुगतान लंबित है। ये भुगतान करने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास बजट की कमी है। इसी कारण से इस योजना में शामिल कैलाश, कनिष्क, मेदांता, नारायण अस्पताल, हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट, धर्मशिला और ग्राफिक एरा अस्पताल जैसी सुविधाओं ने गोल्डन कार्ड के तहत इलाज देना बंद कर दिया है।

कैबिनेट द्वारा लिया जाएगा फैसला

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि गोल्डन कार्ड योजना के तहत इलाज के लिए सरकार की ओर से कोई बजट आवंटित नहीं किया जाता है। यह योजना पूर्णत कार्यरत कर्मियों और पेंशनभोगियों के अंशदान पर चल रही है। लेकिन गोल्डन कार्ड योजना के तहत इलाज पर अंशदान से ज्यादा खर्च हो रहा है। जिस कारण इस योजना में शामिल सात निजी अस्पतालों गोल्डन कार्ड के तहत इलाज देना बंद कर दिया है। लेकिन इससे आगे इस योजना को किस तरह संचालित किया जाना है इसका प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। अब कैबिनेट द्वारा इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा।

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