हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक और उच्च स्कूलों में पढ़ाने वाले 50 शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट पर विदेश जाने के लिए 20 अंकों के मानकों पर खरा उतरना होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक भ्रमण पर विदेश जाने वाले शिक्षकों के आवेदनों की छंटनी के नियमों को लेकर जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी किया है। 25 प्रिंसिपल, 15 प्रवक्ताओं और पांच-पांच हेडमास्टरों व डीपीई का चयन किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में आठ साल सेवाएं देने पर चार अंक और राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर चुके शिक्षकों को पांच अंक मिलेंगे। तीन दिनों में प्रिंसिपलों और उपनिदेशकों को आवेदन शार्टलिस्ट करने के उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं।
शैक्षणिक भ्रमण पर विदेश जाने वाले शिक्षकों का अब नए नियमों से चयन होगा। अनुभव, वार्षिक परीक्षा परिणाम, एसीआर, पुरस्कार और नियुक्ति भी चयन का आधार होगा। सरकार के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने नियम संशोधित किए हैं। इस वर्ष दो चरणों में विभिन्न श्रेणियों के 100-100 शिक्षक सिंगापुर भेजे थे। चयन पर खूब सवाल उठे। ऐसे में अगले वर्ष किस आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाना है, इसको लेकर नए नियम तैयार किए गए हैं। अब विदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों के वार्षिक परिणाम किस प्रकार के रहे हैं। प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में सेवाएं दी हैं। उन्हें किन उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए। एसीआर किस प्रकार की है। किस विशेष विषय में अनुभवी हैं। इन सभी बिंदुओं को आधार बनाते हुए ही अब शिक्षकों का चयन होगा।
सभी जिला उपनिदेशकों से विदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों के आवेदनों में इन जानकारियों को सही तरीके से खंगालने को कहा है। पहले शैक्षणिक भ्रमण पर जा चुके शिक्षकों के आवेदन मंजूर नहीं किए जाएंगे। शिक्षकों को उनके शिक्षण कौशल में सुधार के लिए एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजा जाता है।
पात्रताएं पूरी करने के बाद 20 अंकों में से होगी छंटनी
अन्य आवश्यक पात्रताएं पूरी करने के बाद शिक्षकों के आवेदनों की 20 अंकों के आधार पर छंटनी होगी। 15 वर्ष से अधिक शैक्षणिक अनुभव रखने वाले शिक्षकों को पांच, 10 साल से अधिक अनुभव पर 4 और पांच साल से ज्यादा पर तीन अंक दिए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पांच, राज्य पुरस्कार पर चार और एमएड करने वालों को तीन अंक मिलेंगे। पीएचडी करने वालों को चार और एमफिल वालों को दो अंक मिलेंगे। आठ साल तक जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वालों को चार अंक दिए जाएंगे। अगर शिक्षक उसी जनजातीय जिला का निवासी होगा तो दो अंक मिलेंगे। अगर किन्हीं शिक्षकों के अंक बराबर रहेंगे तो संबंधित कैडर के वरिष्ठ शिक्षक को विदेश जाने का मौका दिया जाएगा।
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