उत्तराखंड के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर चयनित 52 शिक्षिकाओं की नियुक्ति जाति प्रमाणपत्र के पेच में लटक गई हैं। शिक्षिकाएं यूपी, दिल्ली और हरियाणा की है। जिनकी शादी उत्तराखंड में हुई है।
प्रभारी शिक्षा निदेशक आरएल आर्य के मुताबिक, इन शिक्षिकाओं को आरक्षण का लाभ दिया जाना है या नहीं इस मसले पर शासन से दिशा निर्देश मांगा गया है। तब तक के लिए इनकी नियुक्ति रोकी गई है। प्रदेश में इन दिनों 2906 पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
विभाग की ओर से अब तक 1199 शिक्षकों को नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि 52 की नियुक्तियां रोकी गई है। प्रभारी शिक्षा निदेशक के मुताबिक, इन शिक्षिकाओं की नियुक्ति के मसले में जाति प्रमाणपत्र की स्थिति स्पष्ट नहीं है। विभाग की ओर से तय किया जाना है कि अनुसूचित जाति और जनजाति की इन चयनित अभ्यर्थियों को जिनका विवाह उत्तराखंड में हुआ है।
इन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए है या नहीं। विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि उन अभ्यर्थियों को भी नियुक्तिपत्र नहीं दिए जा रहे हैं, जिसने अन्य राज्यों से डीएलएड करने के बाद शपथपत्र में स्पष्ट भाषा का प्रयोग नहीं किया।
1707 पदों के लिए होगी तीसरे चरण की काउंसलिंग
शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए दो चरण की काउंसलिंग हो चुकी है। इसके बावजूद भर्ती के 1707 पद खाली हैं। विभाग के प्रभारी निदेशक के मुताबिक, इसके लिए जल्द तीसरे चरण की काउंसलिंग की जाएगी।
आरक्षण के मसले पर शासन से दिशा निर्देश मांगा गया है। इस पर स्थिति स्पष्ट होते ही चयनित अभ्यर्थियों के मसले पर निर्णय लिया जाएगा।
- आरएल आर्य, प्रभारी शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा
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