केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) लगातार शिक्षा को बेहतर बनाने के नए-नए विकल्पों पर काम कर रहा है. बोर्ड ने बीते सालों में बोर्ड परीक्षा के पैटर्न के साथ रिजल्ट में भी कई तरह के बदलाव किए हैं. लेटेस्ट अपडेट है कि अब सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12वीं का रिजल्ट कक्षा 9वीं से 11वीं तक के अंकों को मिलाकर तैयार किया जाएगा. यानी 12वीं बोर्ड परीक्षा में कक्षा 9वीं से लेकर 11वीं तक के मार्क्स जुड़ेंगे. एनसीईआरटी (NCERT) यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के परख ईकाई (Parakha) को कक्षा 12वीं बोर्ड के रिजल्ट को विद्यार्थियों के लिए आसान बनाने का सुझाव देने को कहा गया था. एनसीईआरटी ने इस संबंध में सुझाव शिक्षा मंत्रालय को सौंप दिए हैं. मंत्रालय ने सभी स्टेट बोर्ड से इस संबंध में फीडबैक मांगा है. फीडबैक के आधार पर फैसला लिया जाएगा और इस नई शिक्षा नीति को सीबीएसई बोर्ड समेत तमाम बोर्डों में लागू किया जा सकता है.
कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में कक्षा 9वीं से 15, कक्षा 10वीं से 20 और कक्षा 11वीं से 15 प्रतिशत के आधार पर रिजल्ट तैयार करने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा कक्षा 12वीं का 50 प्रतिशत हिस्सा टोटल रिजल्ट में शामिल करने की सिफारिश की गई है. परख में कक्षा 12वीं के स्टूडेंट का मूल्यांकन, रिपोर्ट कार्ड, प्रोजेक्ट्स, ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से कंटीन्यूअस क्लासरूम असेसमेंट और समेटिव असेसमेंट के कॉम्बिनेशन से तैयार करने का सुझाव दिया है. साथ ही 9वीं में 70 प्रतिशत असेसमेंट और 30 प्रतिशत समेटिव असेसमेंट होना चाहिए.
10वीं से लागू करने सा सुझाव
शिक्षा मंत्रालय ने परख के इस सुझाव पर कुछ राज्यों से फीडबैक आए हैं. कुछ राज्यों ने कहा है कि अगर यह नियम कक्षा 12वीं की बजाए 10वीं की बोर्ड परीक्षा में लागू किया जाए तो अच्छा रहेगा. यानी कक्षा 10वीं का बोर्ड रिजल्ट, कक्षा 9वीं और कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा.
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