बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अब वहां की जेलों में बंद आतंकियों और कट्टरपंथियों के जेल से भागने का खतरा बना हुआ है। हालत यह हो गए हैं कि प्रतिबंधित इस्लामी छात्र संगठन समेत जमात-ए-इस्लामी और जमात-उल-मुजाहिदीन के आतंकियों समेत कई कट्टरपंथियों को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद जेल से छुड़ा लिया गया है। इनमें से कुछ आतंकी और कट्टरपंथी, तो वह भी हैं जो कश्मीर के लिए पाकिस्तान की शह पर साजिशें रचते आए हैं। वहीं, बांग्लादेश में बदहाल हालात के चलते कई मंत्रियों के देश छोड़ने की दशाओं पर उनको एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार में कई मंत्री नजर बंद हो चुके हैं। मंत्री देश छोड़ने की फिराक में हैं।
बांग्लादेश में तख्तापलट के 24 घंटे के भीतर अलग-अलग जेलों में उपद्रवियों ने हमला बोला है। जानकारी के मुताबिक इनमें से एक महत्वपूर्ण ढाका की जेल में बंद प्रतिबंधित इस्लामी आतंकी संगठन जमातुल मुजाहिददीन से जुड़े कुछ आतंकियों को भी जेल से छुड़ाया गया है। सिर्फ इसी प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़े आतंकियों को ही नहीं छुड़ाया गया, बल्कि अलग-अलग जेल में बंद कई प्रतिबंध आतंकियों और कट्टरपंथियों को भी जेल से छुड़ाने की योजना बनाकर निकाल लिया गया है। क्योंकि यह सभी कट्टरपंथी और आतंकी बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ थे। इनमें से आतंकी संगठन जमातुल मुजाहिदीन का चीफ अंसार उल्लाह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर भारत के खिलाफ साजिश में शामिल रहा था। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ इसी आतंकी ही नहीं बल्कि अन्य आतंकियों के जेल से छुड़ाए जाने पर वह पूरी नजर बनाए हुए हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो जमातुल मुजाहिदीन का का चीफ अंसार उल्लाह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का बड़ा हैंडलर माना जाता है। 2020 के दौरान पाकिस्तान ने इसी संगठन और आतंकी को घाटी में माहौल खराब करने के लिए एक बड़ा टास्क भी दिया था। बांग्लादेश में रहकर इस संगठन से जुड़े हुए कई कट्टरपंथी लगातार भारत के खिलाफ माहौल भी बनाते थे। बीते कुछ समय से बांग्लादेश में जब भारत के खिलाफ माहौल बनना शुरू हुआ, तो जमात उल मुजाहिदीन समेत जमात-ए-इस्लामी के कट्टरपंथी और प्रतिबंधित संगठन बांग्लादेश की सड़कों पर नारेबाजी करते थे। हालांकि बाद में शेख हसीना की सरकार ने सख्ती दिखाते हुए इन दोनों प्रतिबंधित संगठनों के कई कट्टरपंथी और आतंकियों को जेल के भीतर डाल दिया था।
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