पौड़ी गढ़वाल: लोकगायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स से सम्मानित किया गया, इससे उनकी कला और संगीत के प्रति योगदान को वैश्विक मान्यता मिली है।
ब्रिटिश संसद के ऐतिहासिक हाउस ऑफ लॉर्ड्स, लंदन में आयोजित ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड (जीबीए) में भारतीय समुदाय के प्रमुख लोगों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम IISAF द्वारा आयोजित किया गया जिसमें एक जूरी ने विजेताओं का चयन किया और उन्हें उनके क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को उनके 50 वर्षों के लोकगीत, संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और प्रेरणादायक कार्य के लिए Distinguished Leadership in Indian Folk Singing सम्मान प्रदान किया गया।
ठंडों रे ठंडों से झूमा ब्रिटिश संसद
इस अवसर पर श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी ने अपने मशहूर गीत 'ठंडों रे ठंडों' का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड कार्यक्रम में सहयोगी उत्तराखंड ग्लोबल फोरम के सह-संस्थापक श्री संदीप बिष्ट ने इस खुशी के मौके पर कहा कि यह सम्मान केवल नेगी जी का नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंडवासियों का सम्मान है। इसके अलावा यह पुरस्कार नए कलाकारों को भी प्रेरित करेगा। नेगी जी ने हमेशा पहाड़ों की खुशियों और दुखों को अपने गीतों के जरिए प्रस्तुत किया है और हम उम्मीद करते हैं कि वे आगे भी इसी तरह के गीत लेखन और गायन करते रहेंगे।
दस हजार से अधिक लोकगीत गा चुके हैं नेगी जी
उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है कि प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक, गीतकार और क्षेत्रीय गढ़वाली भाषा के कवि नरेंद्र सिंह नेगी जो गढ़वाल उत्तराखंड के 'गढ़ रत्न' के नाम से मशहूर हैं, इन्होने दस हजार से अधिक मधुर और मंत्रमुग्ध करने वाले गीत गाए हैं, जो कई क्षेत्रीय फिल्मों में शामिल किए गए। पिछले साल उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। श्री नरेंद्र सिंह नेगी और उनकी पत्नी उषा नेगी जो स्वयं एक गायिका और गीतकार हैं, हमेशा अपने पति की मुश्किलों में उनकी मदद करती रही हैं और उनकी परछाई की तरह उनके साथ खड़ी रही हैं।
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