प्रदेश के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और शिक्षकों को पहाड़ चढ़ाने के लिए वर्तमान व्यवस्था में बदलाव की तैयारी है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन की अध्यक्षता में इसे लेकर विभाग की बैठक हो चुकी है। जिसके बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। विभागीय सचिव के मुताबिक प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा।
सरकार ने प्रदेश के 155 राजकीय इंटर मीडिएट कालेजों का नाम और बोर्ड बदलकर वर्ष 2021 में राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालय कर दिया था। इन विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्ध किया गया लेकिन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी खासकर पहाड़ के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। विभाग इसकी एक वजह पूर्व में इन विद्यालयों को लेकर हुए शासनादेश को मान रहा है। जिसमें सुगम में तैनात शिक्षकों की सेवाओं को दुर्गम सेवा के रूप में जोड़ा जा रहा है।
दरअसल इससे हो यह रहा है कि पिछले कई साल से सुगम में तैनात शिक्षक के सुगम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालय में तैनात होते ही उनकी सेवा दुर्गम में जुड़ रही है। विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि बिना दुर्गम क्षेत्र में सेवा के इन शिक्षकों की दुर्गम की सेवा जुड़ने से ऐसे शिक्षक कभी पहाड़ नहीं चढ़ सकेंगे। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में वर्तमान व्यवस्था को ओर बेहतर बनाया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि रोटेशन के आधार पर शिक्षकों की तैनाती हो।
इसके अलावा बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले शिक्षकों को इन विद्यालयों से हटाया जाएगा। इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की बोर्ड फीस अधिक है। इस फीस को कम करने और अलग कैडर पर भी विचार किया जा रहा है। विभाग की एक बैठक के बाद विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होनी है।
इन विद्यालयों के लिए जो पिछला शासनादेश हुआ था उसमें यह है कि जो शिक्षक जहां हैं, उनकी दुर्गम की सेवा जोड़ी जाएगी। इससे शिक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे हैं। शिक्षकों का प्रदर्शन देखकर अब अच्छा प्रदर्शन न करने वाले शिक्षकों को हटाया जाएगा।
- रविनाथ रामन, शिक्षा सचिव
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