उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गईं। शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में एक बार फिर भूस्खलन हुआ। इसमें 15 आवासीय मकान मलबे में दब गए। हालांकि प्रशासन ने सुबह ही इन घरों को खाली करा लिया था, जिसके कारण कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया है।
उत्तराकाशी में भी आई आपदा
ग्राम पंचायत भंगेली के गुणगा गांव में अतिवृष्टि से गांव के संपर्क मार्ग, दो पुलिया, पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही खेतों का कटान के साथ परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान प्रवीन प्रज्ञान ने कहा कि रात को एक बजे के करीब आचनक आकाशीय बिजली की तेज गर्जन हुई, देखते ही देखते एक छोटे नाले ने एक नदी का रूप ले लिया जिसमें गांव की बहुत परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है, जिसकी सूचना आपदा विभाग एसडीएम डीएम और क्षेत्रीय विधायक को दी गई है।
भिलंगना ब्लॉक मां-बेटी की मौत
इससे पहले शनिवार को ही टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान के अंदर मां और बेटी दब गईं। जिससे दोनों की मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने देर रात किसी तरह बाहर भाग कर जान बचाई।
तोली गांव के ग्राम प्रधान रमेश जिरवाड़ ने बताया कि रात को दो ढाई बजे क्षेत्र में जमकर बारिश हुई। इसी दौरान वीरेंद्र लाल का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। मकान के पीछे से हुए भूस्खलन में दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। घर के अंदर सो रही वीरेंद्र लाल की पत्नी सरिता देवी 36 वर्ष और उसकी बेटी अंकिता 15 साल अंदर मालबे में दब गई है। उन्हें तलाशने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया। सरिता देवी का शव मलबे से बरामद कर लिया है। तिनगढ़ गांव का जूनियर हाई स्कूल भवन भी भूस्खलन से पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। विशन गांव दला गांव को जोड़ने वाला पैदल पुलिया भी बह गई है।
जौनपुर ब्लॉक में 33 केवी का विद्युत सब स्टेशन ठप
टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में भारी मलबा भर गया है। जिससे ट्रांसफार्मर दब गए हैं। विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है। विद्युत सब स्टेशन परिसर में सड़क का मलबा और पानी घुसा पड़ा हुआ है।
मां-बेटी धर्मगंगा नदी में बहे
बीती रात को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए हैं। बूढ़ाकेदार से छह किमी दूर झाला पुल के समीप नेपाली मूल के मजदूर एक कच्चा मकान में रहते थे। रात दो बजे के लगभग धर्मगंगा के उफान पर आने से पप्पू बहादुर की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (7) बह गई हैं। थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी के किनारे उनकी तलाशी की गई। लेकिन पता नहीं चल पाया है। पप्पू बहादुर और रमेश बहादुर ने भाग कर जान बचाई।
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक दिये गये है तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक तत्काल उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 2 पशु हानि की जांचोपरांत मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इसके अतारिक्त थाती बुढ़ाकेदार नाथ में पूल के पास एक घर बहा है । धाम के गेट के नीचे बाजार में नदी के जलस्तर से खोखली हो रही सड़क के पास स्थित घर और दुकानों को खाली कराया जा चुका है।
देखें वीडियो।
उत्तराखंड में भारी बारिश से बिगड़े हालात
उत्तराखंड में आसमानी आफत का कहर जारी है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देर रात से पहाड़ों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। Heavy rain in Uttarakhand हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब है। भारी बारिश से रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित हो गया है। जिस कारण केदारनाथ यात्रा फिलहाल थम गई है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच केदारनाथ हाईवे का एक बहुत बड़ा हिस्सा सोन नदी में समा गया है, जबकि इसी स्थान ठीक सामने नदी किनारे स्थित कुछ स्टोर रूम हवा में लटके हुए हैं। जो कभी भी नदी में समा सकते हैं। टिहरी घनसाली में मां-बेटी की मौत हो गई। तो वहीं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पहाड़ी से भूस्खलन की बेहद डरावनी तस्वीर सामने आई। नदियों के रौद्र रूप में कई मकान, भवन समा गए।
भारी बारिश के कारण जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खंड में भी गंभीर स्थिति है। जीयूपीएस भीगून और जीपीएस भीगून पर बादल फटने से जीयूपीएस पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और जीपीएस परिसर मलबे से भर गया है। बीईओ भिलंगना ने बताया कि भारी बारिश के चलते भिलंगना ब्लॉक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण 4 भैंस और 2 गाय के दबने की भी सूचना है। गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जल स्तर बढ़ने से नदी के तेज बहाव में शिवानन्द कुटीर आश्रम का गेट बह गया। इसके साथ ही सुरक्षा दीवार भी टूटने से आश्रम में पानी घुस गया। सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में भी मौसम का मिजाज तल्ख है। लगातार हो रही बारिश से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
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