Thursday 11 July 2024

OPS: पुरानी पेंशन पर बड़ा अपडेट! आई फैसले की घड़ी, आखिरी निर्णय से पहले वित्त मंत्रालय करेगा JCM संग बैठक




देश में पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। ऐसा माना जा रहा है कि ओपीएस को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट में ओपीएस जैसी कई बातें शामिल हो सकती हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठन, कमेटी की बातों से सहमत हैं या नहीं, इसे लेकर सरकार उनसे बातचीत करेगी। संभवतया ओपीएस पर केंद्र सरकार कोई अंतिम निर्णय ले, इससे पहले कर्मचारियों के साथ बैठक की जाएगी। यह बैठक 15 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक में होगी। इस बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे। कर्मचारियों की तरफ से स्टाफ साइड (नेशनल काउंसिल, जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा एवं दूसरे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि, बैठक में शिकरत करेंगे। कर्मचारी संगठनों के नेताओं के मुताबिक, ओपीएस पर यह अहम बैठक है।

मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के गठन का मकसद, गैर-अंशदायी और वित्तीय रूप से अस्थिर पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटे बिना, एनपीएस लाभों को बेहतर बनाने के तरीके खोजना था। इस कमेटी में कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष को बतौर सदस्य, शामिल किया गया था। कमेटी से कहा गया था कि वह नई पेंशन स्कीम 'एनपीएस' के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे के संदर्भ में बदलावों की सिफारिश करे। किस तरह से नई पेंशन स्कीम के तहत 'पेंशन लाभ' को और ज्यादा आकर्षक बनाया जाए, इस बाबत सुझाव दें। कमेटी, इस बात का ख्याल रखे कि उसके सुझावों का आम जनता के हितों व बजटीय अनुशासन पर कोई विपरीत असर न हो।

जेसीएम 'स्टाफ साइड' के सचिव और एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 21 जून को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। इसमें ओपीएस बहाली की मांग की गई है। इससे पहले मिश्रा ने 11 जून को प्रधानमंत्री मोदी को भी एक पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में आग्रह किया है कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों की 'पुरानी पेंशन बहाली' पर गंभीरता से विचार किया जाए। इनके अलावा, गत वर्ष केंद्र सरकार में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 'पुरानी पेंशन' की मांग को लेकर रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने केंद्रीय बजट पेश होने से पहले विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन के महासचिव एसबी यादव ने घोषणा की है कि 19 जुलाई को सरकारी कर्मचारी, लंच समय के दौरान अपने कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) और स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य भी 'गारंटीकृत पुरानी पेंशन' की मांग उठा चुके हैं। एनजेसीए के सदस्य, सी. श्रीकुमार कह चुके हैं कि उन्हें एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है। सरकारी कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए।

नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल के मुताबिक, कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम चाहिए। उन्होंने सरकार को एनपीएस को ओपीएस में बदलने के लिए सुझाव भी दिए हैं। अगले हफ्ते से ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन द्वारा, देशभर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए 'नेशनल मिशन फॉरओल्ड पेंशन स्कीम (भारत)' के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर में होने तय हुए हैं। इससे पहले कई दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी अपनी मांगों की फेहरिस्त, सरकार के समक्ष रखी है।


जेएफआरओपीएस/एनजेसीए ने केंद्र सरकार को ओपीएस के मुद्दे पर 19 मार्च को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस देने की तैयारी की थी। सरकार ने कर्मचारियों के गुस्से को देखते हुए उन्हें 14 मार्च को नॉर्थ ब्लॉक में बैठक के लिए बुला लिया। वहां पर वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी और नेशनल काउंसिल/जेसीएम (स्टाफ साइड) के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में हड़ताल पर जाने का निर्णय रद्द कर दिया गया। इस बैठक में सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के सचिव (व्यय), सचिव डीओपीटी, अतिरिक्त सचिव (व्यय), चेयरमैन पीएफआरडीए, जेएस/डीएफएस और ईडी/पीएफआरडीए उपस्थित रहे। कर्मचारी पक्ष की तरफ से बैठक के लिए एआईआरएफ के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा, एनएफआईआर के गुमान सिंह, कन्फेडरेशन के महासचिव रूपक सरकार, आईएनडीडब्लूएफ के आर. श्रीनिवासन, एआईडीईएफ के सी. श्रीकुमार और ऑल इंडिया अकाउंट्स एंड ऑडिट एसोसिएशन के तपन बोस का नाम भेजा गया था। बैठक के बाद शिव गोपाल मिश्रा द्वारा स्ट्राइक की कॉल वापस लेने का पत्र जारी किया गया।

शिव गोपाल मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा, भारत सरकार, मौजूदा पेंशन सिस्टम के रिव्यू पर काम कर रही है। अभी वह काम पूरा नहीं हो सका है। सरकार के प्रतिनिधियों ने उस काम को पूरा करने के लिए कुछ और समय मांगा है। ऐसे में सरकार को कुछ समय दे दिया गया। ओपीएस को लेकर किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए केंद्र सरकार को जो समय दिया गया है और इसके चलते एक मई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल, वापस लेने की बात हुई है, उसके मद्देनजर ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (जेएफआरओपीएस)/ नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के सभी धड़ों से परामर्श किया गया है। इनके सदस्यों के साथ या तो फोन पर बातचीत हुई है या उनके साथ फेस टू फेस बैठक आयोजित की गई।

मिश्रा के मुताबिक, मेरा दृढ़ विश्वास है कि आने वाले 2-3 महीनों में आसमान नहीं टूट पड़ेगा। यदि पुरानी पेंशन की बहाली की हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम किसी भी क्षण कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में ओपीएस व अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सरकार के साथ हुई जेएफआरओपीएस/एनजेसीए के प्रतिनिधियों की बात पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। हालांकि मिश्रा ने जेएफआरओपीएस/एनजेसीए के साथियों से अपील की थी कि सरकार, कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने में फेल होती है, तो वे किसी भी एक्शन के लिए तैयार रहें।

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