नई दिल्ली: यह साल 2019 की सर्दी थी और दुनिया पूरे पारंपरिक उल्लास के साथ नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार थी. लेकिन, जैसा कि हम सभी को याद है नए साल के ठीक पहले दुनिया में एक अनोखे वायरस ने एंट्री मारी. इसके बाद वायरस ने हर किसी के जीवन को उलट-पुलट कर दिया. पहली बार कोरोना वायरस चीन में रिपोर्ट किया गया. इसके बाद लगभग हर साल सर्दियों में कोरोना की एक लहर आ जाती है. अब सवाल है कि हर बार दिसंबर में ही कोरोना की लहर आ जाती है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार चार साल बाद, कोविड-19 महामारी समाप्त हो गई है, लेकिन वायरस अपने कई वेरिएंट के रूप में हमारे जीवन में मौजूद है. इस दिसंबर में, महामारी का कारण बनने वाला कोरोना वायरस का एक नया प्रकार – जेएन.1 – दुनिया भर में लहरें पैदा कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है. लेकिन यह नोट किया है कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कम जोखिम पैदा करता है.
साल 2020 के दिसंबर में कोविड-19 में तीन बड़े वेरिएंट देखे गए. इसमें अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351), और गामा (पी.1) शामिल था. एक साल बाद, दिसंबर 2021 में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने लॉकडाउन में ढील शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद दुनिया को फिर से लॉकडाउन में भेज दिया.
फिर साल 2022 के दिसंबर में, जबकि कोई नया प्रमुख वेरिएंट सामने नहीं आया था, हमने बीए.2 और बीए.5 जैसे सबवेरिएंट का उदय देखा, जो सभी कोरोनवायरस की ओमिक्रॉन के भीतर वर्गीकृत हैं. और अब हमारे पास JN.1 वेरिएंट है जो ओमिक्रॉन के वंश से संबंधति है.
क्यों दिसंबर में आती है लहर
कई अध्ययनों ने ठंड और शुष्क सर्दी को कोविड-19 मामलों में वृद्धि के पीछे एक त्वरित कारक के रूप में इंगित किया है. डेल्टा वेरिएंट द्वारा ट्रिगर की गई दूसरी लहर की शुरुआत का विश्लेषण करने के लिए किए गए जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि महामारी की पहली लहर के दौरान, मौसम की स्थिति ने प्रभावित किया कि वायरस कितनी आसानी से फैलता है.
चीन की सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी इस बात की पुष्टि की. उनके अध्ययन में पाया गया कि ठंडी परिस्थितियों में रहने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना है.
भारत में बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या, सक्रिय केस 4000 के पार; ठाणे में JN.1 के पांच नए मामले
कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमित मरीज देश में लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में देशभर में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 4054 तक पहुंच गया है। एक दिन पहले एक्टिव मामले 3742 रिपोर्ट किए गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में केवल एक मरीज की मौत हुई है। महाराष्ट्र के ठाणे में कोविड-19 के नए सब वैरिएंट- जेएन.1 के पांच मामले सामने आए हैं। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कुल 628 मामले आए हैं। इसमें संक्रमण मुक्त हुए 315 लोगों की संख्या भी शामिल है।
कोरोना से अब तक कितने लोगों की मौत?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक एक्टिव मामले केरल में पाए गए हैं। यहां बीते 24 घंटे में 128 एक्टिव केस रिपोर्ट किए गए। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा तीन हजार से अधिक हो गया है। एक नए मरीज की मौत के साथ देशभर में कोरोना से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 5,33,334 तक जा पहुंचा है।
देशभर में अब तक 4.44 करोड़ कोरोना संक्रमित ठीक हुए
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, लेकिन इससे मरीज गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं। बीते 24 घंटे में 315 मरीजों का कोरोना संक्रमण ठीक हो चुका है। इसी के साथ देशभर में अब तक 4.44 करोड़ से अधिक कोरोना संक्रमित संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। बता दें कि कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला केरल में रिपोर्ट किया गया था। बीते 24 घंटे में कोरोना के नए वैरिएंट के पांच मामले महाराष्ट्र के ठाणे में रिपोर्ट किए गए।
JN.1 वैरिएंट से संक्रमित रोगियों में एक महिला
महाराष्ट्र के ठाणे में 30 नवंबर के बाद 20 नमूनों की जांच की गई। इनमें पांच सैंपल जेएन.1 वैरिएंट पॉजिटिव पाए गए। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने रविवार को बताया, JN.1 वैरिएंट से संक्रमित रोगियों में एक महिला शामिल है। कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। ठाणे में एक्टिव कोविड-19 मामलों की संख्या 28 है। उनमें से दो का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है, बाकी संक्रमित मरीज अपने घरों पर ही ठीक हो रहे हैं।
सात महीने बाद एक दिन में सबसे अधिक मामले
बता दें कि रविवार को देशभर में एक दिन में 656 नए कोविड-19 मामले रिपोर्ट किए गए थे। रविवार को भी केवल एक मरीज की मौत हुई। एक्टिव मामले 3,420 से बढ़कर 3,742 हो गए। इससे पहले शनिवार को 752 कोविड-19 संक्रमण दर्ज किए गए जो बीते सात महीने में सबसे अधिक रहा। 21 मई के बाद इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज एक दिन में पाए गए।
कोरोना प्रोटोकॉल के पालन की अपील
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के मामलों में मौजूदा बढ़ोतरी चिंताजनक नहीं है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने, अन्य बीमारियों से पीड़ित होने पर फेस मास्क पहनने, भीड़ में जाने से बचने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार, भारत में JN.1 वैरिएंट का कोई समूह नहीं देखा गया है। सभी मामलों में संक्रमण के हल्के लक्षण पाए गए। मरीज बिना किसी जटिलता के ठीक भी हो रहे हैं।
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