Saturday 9 September 2023

G20 Summit 2023 LIVE Updates: अफ्रीकन यूनियन को मिली G-20 की स्थायी सदस्यता

नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन में भारी गतिरोध को दूर करते हुए भारत ने नई दिल्ली साझा घोषणा पत्र जारी कराने को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति बना ली है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के पहले दिन दोपहर बाद तकरीबन 3.30 बजे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनिजी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, चीन के पीएम ली चियांग, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज लुला डी सिल्वा जैसे दिग्गज वैश्विक नेताओं के समक्ष इस बात का ऐलान किया।

कई कारणों से साझा बयान नहीं हो सका जारी
दिसंबर, 2022 में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी और उसके बाद से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि इस बार आम सहमति से घोषणा पत्र जारी होगा या नहीं। पिछले सात महीनों में छह बार हुई मंत्रिस्तरीय बैठक में साझा बयान भी जारी नहीं हो सका था। लिए यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका व पश्चिमी देशों और चीन व रूस के बीच चल रहे तनाव को सबसे बड़ा कारण बताया जाता रहा है, लेकिन भारत ने जबरदस्त कूटनीतिक संवाद कायम रखते हुए इसे संभव बना दिया है।


अफ्रीकी यूनियन जी20 समूह में शामिल
शनिवार, 09 सितंबर, 2023 को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दुनिया के सबसे ताकतवर 20 देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक की शुरुआत हुई। दिसंबर, 2022 में इस समूह का अध्यक्ष बनने के बाद भारत ने वैश्विक कूटनीति व अर्थनीति में जिन मुद्दों को प्राथमिकता के तौर पर अपनाने पर जोर दिया था, उसी तर्ज पर बैठक का आगाज हुआ। मसलन, अफ्रीकी देशों को जी-20 के प्रतिनिधित्व दिलाने की भारत की कोशिश रंग लाई और अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने की घोषणा पीएम मोदी ने की।

एक साथ मिलकर चलने का समय
पीएम मोदी ने कहा कि, "कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इस ट्रस्ट डेफिसिट को गहरा किया है। आज जी-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिल कर सबसे पहले ग्लोबल ट्रस्ट डिफिसिट को एक विश्वास. एक भरोसे में बदलें। यह वैश्विक भलाई के लिए हम सभी के मिल कर चलने का समय है।"

वैश्विक चुनौतियों का ठोस समाधान ढूंढ़ना जरूरी
इसके साथ ही, पीएम ने यह भी साफ तौर पर बताया कि विश्वास का संकट कहां-कहां है और इसे दूर करना क्यों जरूरी है। मोदी ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल, उत्तर व दक्षिण का विभेद, पूर्व और पश्चिम की दूरी, खाद्य, ईंधन व उर्वरक प्रबंधन, आतंकवाद व साइबर सुरक्षा, हेल्थ, ऊर्जा और जल-सुरक्षा को लेकर चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा।"


चीन ने भी की तारीफ, पड़ा नरम
जी20 के तेवर और भारत का रुख देखकर चीन ने बड़ा बदलाव किया है। कुछ हद तक अड़ियल रवैया छोड़कर उसने भारत के कदम की तारीफ की है। सहयोग करने का आश्वासन दिया है। माना जा रहा है कि यह स्थिति भारत के स्पष्ट रुख अपनाने के बाद आई है। अमेरिका ने भी भारत के साथ गहराते रिश्ते का संकेत दिया है। कूटनीति की यह लाइन कहीं न कहीं चीन को बड़ा झटका दे रही है। हालांकि सऊदी अरब जैसे कई देश चीन के करीब आ रहे हैं, लेकिन इसके साथ पूरी दुनिया की जियोपॉलिटिक्स नया संकेत भी दे रही है

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