Friday 15 September 2023

उत्तराखंड में अब बंद होने जा रहे हैं अटल उत्कृष्ट स्कूल !!!




 उत्तराखंड में अब बंद होने जा रहे हैं अटल उत्कृष्ट स्कूल !, जानिए क्यों शुरू हुई चर्चा उत्तराखंड में भाजपा की ही पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर दो साल के भीतर ही जिस प्रकार शिक्षा विभाग में बेचैनी पसरी है, वो कई सवाल भी उठा रही है।

उत्तराखंड में आम परिवारों के बच्चों के गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2021 में शुरू किए गए अटल उत्कृष्ट स्कूल क्या बंद होने जा रहे हैं? सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में कमजोर प्रदर्शन और शिक्षक संघ के विरोध के चलते इन आशंकाओं को बल मिल रहा है। हालांकि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अटल स्कूलों को सीबीएसई से वापस उत्तराखंड बोर्ड में लाने की बात साफ तौर से नहीं की है, लेकिन इससे इनकार भी नहीं किया है। भाजपा की ही पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर दो साल के भीतर ही जिस प्रकार शिक्षा विभाग में बेचैनी पसरी है, वो कई सवाल भी उठा रही है।

सरकार ने राज्य के ग्रामीण बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सीबीएसई से संबद्ध स्कूल मुहैया कराने के लिए अटल उत्कृष्ट स्कूलों की स्थापना की थी। राज्य के 189 स्कूलों को चिह्नित कर उन्हें सीबीएसई से संबद्ध करते हुए वर्ष 2021-22 से सत्र की विधिवत शुरुआत कर दी गई थी। इस प्रयोग पर दो साल बाद ही संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। अभी हाल में राजकीय शिक्षक संघ ने मुहिम की तरह अटल स्कूलों को सीबीएसई से हटाकर वापस उत्तराखंड बोर्ड जोड़ने की मांग शुरू की है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली का कहना है कि अटल स्कूलों की वजह से दोहरी व्यवस्था लागू हो रही है। यदि पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी ही रखना है तो उत्तराखंड बोर्ड से भी इसे लागू किया जा सकता है। इस वर्ष सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में अटल उत्कृष्ट स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर रहा था।

पहाड़ में बेहतर शिक्षा और पलायन रोकने के लिए बने हैं अटल स्कूल

अभिभावक अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के लिए भी शहरी क्षेत्रों में आते हैं। इनमें आम अभिभावक ही नहीं है, बल्कि अधिकांश शिक्षक भी सरकारी स्कूलों में पर्याप्त संसाधनों के अभाव के कारण अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही पढ़ाने को तरजीह देते हैं। इसे देखते हुए राज्य के 189 स्कूलों का चुनकर उन्हें सीबीएसई से संबद्धता दिलाई गई थी। सरकारी स्कूलों के सीबीएसई बोर्ड में आया देख इन स्कूलों में छात्र संख्या भी बढ़ गई थी, जहां प्राइवेट स्कूलों में फीस, ड्रेस के नाम पर अत्यधिक आर्थिक बोझ होता है, वहां अटल में पूरा खर्च सरकार ही उठाती है।

सीमा जौनसारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, "चार अगस्त को निदेशालय में आयोजित बैठक में शिक्षक संघ के मांगपत्र में यह प्रस्ताव आया है। अभी इस पर निर्णय नहीं किया गया है। फिलहाल सरकार से केवल यहां तैनात शिक्षकों के सेवा अवधि की गणना पर दिशानिर्देश मांगे गए हैं।"

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