पृथ्वी दिवस
अर्थ डे या पृथ्वी दिवस एक तरह से पूरी दुनिया में एक साथ मनाया जाने वाला एक वार्षिक आयोजन है, जिसे पूरे विश्व में से 192 देश एक साथ 22 अप्रैल के दिन एक साथ मनाते है. इस दिन को सर्वप्रथम 1970 में मनाया गया था और फिर धीरे-धीरे एक नेटवर्क आगे बढ़ता गया और इसे विश्व स्तर पर कई देशों द्वारा स्वीकार कर मनाने का निर्णय लिया गया. साल 1969 में यूनेस्को द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 21 मार्च 1970 को इस दिन को प्रथम बार मनाने का निर्णय लिया गया, परंतु बाद में इसमें कुछ परिवर्तन किए गए और 22 अप्रैल के दिन इसे मनाने का निर्णय लिया गया. यह दिन मुख्य रूप से पुरे विश्व के पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों और कार्यक्रमों पर निर्भर रहता है, इस दिन का मुख्य उद्देश्य शुध्द हवा, पानी और पर्यावरण के लिए लोगों को प्रेरित करना है. पृथ्वी दिवस का इतिहास इसकी थीम और साल 2019 में इस दिन आयोजित होने वाली गतिविधियों के संबंध में जानकारी
पृथ्वी दिवस का इतिहास (Earth Day History Facts)
हम सब इस बात से परिचित है की पहला पृथ्वी दिवस साल 1970 में मनाया गया था, परंतु इस दिन की शुरुआत किस घटना से हुई यह बात बहुत ही कम लोग जानते है. साल 1969 में केलिफोर्निया में बहुत बड़े पैमाने पर तेल रिसाव हुआ, जिससे आहत होकर नेल्सन मंडेला नामक व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित हुये. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को पर्यावरण संबंधित मुद्दों के लिए जागरूक करना था.
22 अप्रैल 1970 के दिन अमेरिका के कई कॉलेज और स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ लगभग 20 हजार अमेरिकी लोगों ने एक स्वस्थ पर्यावरण के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया और एक रैली का आयोजन किया. पर्यावरण प्रदूषण के विरूध्द होने वाले इस आंदोलन में अमेरिका के हजारो कॉलेजों और विश्वविद्यालय के युवा शामिल थे. इस समय इन लोगों का प्रदर्शन तेल रिसाव, प्रदूषण फैलाने वाली फ़ैक्ट्रियों, ऊर्जा सायंत्रों से होने वाले प्रदूषण, मलजल प्रदूषण, विषैले कचरे, कीटनाशक, जंगलों का नाश और वन्य जीवों का विलुप्तिकरण आदि मुद्दों पर आधारित था. इसके बाद धीरे-धीरे पर्यावरण संरक्षण का यह मुद्दा अमेरिका से बढ़कर 141 देशों के 200 लोगों मिलियन लोगों तक पहुँच गया. 22 अप्रैल 1990 में आयोजित पृथ्वी दिवस के दिन शामिल सभी देशों में रिसाइकलिंग की प्रोसैस को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया गया. इसके बाद साल 2000 में हायेज द्वारा विश्व स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करवाया गया और इसी समय स्वच्छ ऊर्जा के मुद्दे को भी उठाया गया. और साल 2000 में ही इंटरनेट के जरिये पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस के अंतर्गत कार्य करने वाले कार्यकर्ता जुड़े. इंटरनेट की इस पहल के द्वारा इस वर्ष पूरी दुनिया के लगभग 5000 समूह एक दूसरे से संपर्क में आए और इसमें लगभग 180 देशों के सैकड़ो मिलियन लोगों ने हिस्सा लिया. इस तरह से साल 1970 से लेकर अब तक हर वर्ष पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम का स्तर हर वर्ष बढ़ता चला गया और हर वर्ष कई देश और हजारों, लाखों लोग इसमें शामिल होते चले गए
पृथ्वी दिवस का महत्व
इसका महत्व इसलिए बढ़ जाता है, कि ग्लोबल वार्मिंग के बारे में पर्यावरणविद के माध्यम से हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है. जीवन संपदा को बचाने के लिए पर्यावरण को ठीक रखने के बारे में जागरूक रहना आवश्यक है. जनसंख्या की बढ़ोतरी ने प्राकृतिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डाल दिया है. इसलिए इसके संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए पृथ्वी दिवस जैसे कार्यकर्मो का महत्व बढ़ गया है. लाइव साइंस आईपीसीसी अर्थात जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल के मुताबिक 1880 के बाद से समुद्र स्तर 20% बढ़ गया है, और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. यह 2100 तक बढ़ कर 58 से 92 सेंटीमीटर तक हो सकता है, जो की पृथ्वी के लिए बहुत ही ख़तरनाक है. इसका मुख्य कारण है ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियरों का पिघलना जिसके करण पृथ्वी जलमग्न हो सकती है. आईपीसीसी के पर्यावरणविद के अनुसार 2085 तक मालदीव पूरी तरह से जलमग्न हो सकता है.
पृथ्वी दिवस का महत्व मानवता के संरक्षण के लिए बढ़ जाता है, यह हमें जीवाश्म इंधन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रेरित करता है. इसको मनाने से ग्लोबल वार्मिंग के प्रचार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो की हमारे जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है. यह उर्जा के भण्डारण और उसके अक्षय के महत्व को बताते हुए उसके अनावश्यक उपयोग के लिए हमे सावधान करता है. कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन उत्सर्जन की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण अपने प्राकृतिक रूप में स्थिर रहता है.1960 के दशक में कीटनाशकों और तेल के फैलाव को लेकर जो जनता ने जागरूकता दिखाई थी, उस जागरूकता की वजह से नई स्वच्छ वायु योजना बनी थी. इस वजह से अब जो भी नया विधुत सयंत्र बनता है, उसमे कार्बन डाइऑक्साइड को कम मात्रा में उत्सर्जित करने के लिए अलग यन्त्र लगाया जाता है. जिससे की पर्यावरण में इसका कम फैलाव हो और नुकसान कम हो.
इसलिए अप्रैल 22 को सीनेटर नेल्सन ने कहा कि वह व्यक्ति इस दुनिया में पर्यावरण से अलग नहीं रह सकता, जो अंतराष्ट्रीय दिवस को छुट्टी का दिन न बना कर दुनिया भर के लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के लिए जागरूक करता है और प्रौधोगिकी के क्षेत्र में निवेश करता हो.
पृथ्वी दिवस का नामकरण
कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में 1969 में गायलोर्ड नेल्सन को बड़े पैमाने पर तेल गिरने के बाद, बिजली सयंत्र, प्रदुशित अपशिष्ट पदार्थों, जहरीली धुआं, जंगल की हानि और वन्यजीवों के विलुप्त होने के खिलाफ़ पर्यावरण पर ध्यान के लिए इस दिवस को मनाने का विचार आया. वह छात्र युद्ध विरोधी गतिविधियों से बहुत प्रेरित हुए. उन्होंने ऐसा महसूस किया कि अगर हवा और जल को इन जागृत नव चेतना के साथ सम्मलित कर दे, तो वह पर्यावरण चेतना को राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडे में सम्मिलित कर इसको आगे बढ़ा सकते है. सीनेटर नेल्सन ने यह घोषणा की और राष्ट्रीय मीडिया के सामने अपने विचार रखते हुए पर्यावरण पर राष्ट्रीय शिक्षा के विचार को कार्य रूप में लाने के लिए, उन्होंने रिपब्लिकन कांग्रेस नेता पीट एमसी क्लोस्केय और डेनिस हायेस को राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में भर्ती किया. उन्होंने देश भर में इसे बढ़ावा देने के लिए 85 राष्ट्रीय कर्मचारियों की परीक्षा ली. उसके बाद 22 अप्रैल को परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद उन कर्मचारियों का चुनाव किया गया.
नेल्सन के अनुसार पृथ्वी दिवस के नाम को कई लोगो द्वारा सुझाया गया इसके साथ ही उनके दो दोस्त जिनमे से एक जुलियन कोएनिग थे, जोकि न्यू यॉर्क विज्ञापन में कार्यकारी थे. साथ ही वह नेल्सन की संगठित समिति के भी सदस्य थे उन्होंने भी सुझाव दिया. संयोगवश 22 अप्रैल को जिस दिन को पृथ्वी दिवस के लिए चुना गया, वह दिन नेल्सन का जन्म दिन भी था. इसके नाम को नेल्सन ने पर्यावरण शिक्षा पत्र कहा लेकिन राष्ट्रीय समन्वयक डेनिस हेज ने इसे मीडिया के सामने पृथ्वी दिवस के रूप में संबोधित किया, जो कि व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल होने लगा.
पृथ्वी दिवस का गीत (Earth Day Song)
पृथ्वी दिवस को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाते हुए उनके लिए गीत का निर्माण हुआ है इसको कई देशों में गाया जाता है. यह दो प्रकारों में गया जाता है एक समकालीन कलाकारों द्वारा गाये गए गीत और दूसरा आधुनिक कलाकरों द्वारा. यूनेस्को ने भारतीय कवि अभय कुमार की रचनात्मक और प्रेरित करने वाले गीत के लिए प्रशंसा की है. इसे कई भाषाओँ में जैसे अरेबिक, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रशियन, स्पेनिश में गाया गया है. इसको और भी दो भाषाओँ में गाया गया है हिंदी और नेपाली.
2013 के पृथ्वी दिवस सम्मलेन के अवसर पर कपिल सिबल और शशि थरूर ने नई दिल्ली के भारतीय सांस्कृतिक परिषद् कार्यक्रम में इसे लागु किया. बाद में शैक्षिक उदेश्यों के लिए उपयोग करना शुरू किया. पृथ्वी दिवस गाने को ब्रिटिश काउंसिल स्कूल के ऑनलाइन स्कूल, रीजेंट स्कूल, यूरो स्कूल, काठमांडू, लोरेटो डे स्कूल कोलकाता के साथ ही और भी स्कूलों में भी गाया गया. इस गीत को लोग ‘पृथ्वी गान’ के रूप में गाते है. इस तरह के गीत मानवता के लिए वैश्विक संगठन द्वारा भी समर्थित है.
पृथ्वी दिवस को कैसे मनाए (How To Celebrate Earth Day)
अगर आप भी आने वाले 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाना और विषय पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देना चाहते है तो निम्न गतिविधियों को अपनाकर इसे मना सकतें है –
आप बेहद ही छोटे स्तर पर कुछ पेड़ लगाकर अपने आस पास के वातावरण को सुंदर बनाने के साथ साथ, पक्षियों को आवास और भोजन प्रदान कर सकते है. इसी के साथ साथ इसके द्वारा मिट्टी के होने वाले कटाव को रोकने में भी मदत मिलेगी और यह पृथ्वी दिवस मनाने का एक बेहद ही सरल और कारगर तरीका साबित होगा.
आप अपने यहाँ एक रिसाइक्लिंग पार्टी भी ओर्गेनाइस कर सकते है जिसमें आप अपने फ्रेंडस को वेस्ट मटेरियल पर रिसाइक्लिंग की प्रोसैस के द्वारा एक नया आइटम बनाकर लाने के लिए भी कह सकते है और सबसे बेहतर आइटम को इनाम देकर उन्हे प्रोत्साहित भी कर सकते है.
आप कुछ लोगों का समूह बनाकर किसी पार्क, बीच, नदी का किनारा या किसी लोकल एरिया को साफ करने का अभियान भी चला सकते है.
अगर आप किसी संस्था से जुड़े हुये है और कुछ बड़े स्तर पर इस दिन का आयोजन करना चाहते है तो आप अपने शहर में एक ऐसे रिसाइक्लिंग प्रोग्राम की शुरुआत कर सकतें है जिसकी सुविधा आपके शहर में पहले से मौजूद नहीं है.
आप विभिन्न स्तर पर विभिन्न सरकारी दफ़्तरों को जो कि इस मुद्दे को लेकर जागरूक नहीं है उन्हे टार्गेट करते हुये एक लेटर राइटिंग केंपेनिग चला सकते है.
इस तरह से इन मुद्दों के अलावा आप अपने हिसाब से कुछ अलग और नए तरीके से भी यह दिन मना सकते है. यह दिन कई देशों में एक साथ मनाया जाता है, जिसका कल्चर, भाषा और रहन सहन भिन्न है फिर भी हर देश में इसे मनाने का उद्देश्य केवल एक है – “पर्यावरण संरक्षण”. अगर आपके पास भी इस दिन को मनाने का एक अलग तरीका हो तो आप उसे हमसे कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते है.
Pradeep Negi
Lecturer - Economics
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