Tuesday, 25 March 2025

अधिकारी, अध्यापक, कर्मचारी के डाटा को अपडेट करें

 



शिक्षा सत्र : 2025–26 के लिए कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के संबंध में ...


 

शिक्षा जगत समाचार 26 मार्च 2025


 

















उत्तराखंड रोजगार समाचारः एम्स ऋषिकेश में इन पदों पर निकली भर्ती, आवेदन शुरू


LINK - https://aiimsrishikesh.edu.in/a1_1/

देहरादून। Job Update: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका है। एम्स ऋषिकेश ने फैकल्टी के विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट (aiimsrishikesh.edu.in) के माध्यम से 16 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

16 अप्रैल है आवेदन की अंतिम तिथि 

पदों की संख्या 

संस्थान द्वारा 97 पदों पर भर्ती की जाएगी। 

आयु सीमा 

भर्ती के लिए उम्मीदवारों के लिए एज लिमिट 50 से 58 साल के बीच निर्धारित की गई है। रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों को सरकारी नियमों के अनुसार उम्र में छूट दी जाएगी 

पदों का विवरण 

प्रोफेसर : 29 

एडिशनल प्रोफेसर : 15 

एसोसिएट प्रोफेसर : 27 

असिस्टेंट प्रोफेसर : 26 

योग्यता 

मेडिकल उम्मीदवार के लिए एमडी, एमएस की डिग्री, नॉन मेडिकल उम्मीदवार के लिए मास्टर डिग्री और पीएचडी के साथ वर्क एक्सपीरियंस अनिवार्य है।

उत्तराखंड: समाजशास्त्र के पेपर के दिन 11वीं का छात्र लाया तमंचा, परीक्षा कक्ष में मचा हड़कंप


हरिद्वार: यहां एक इंटर कॉलेज में परीक्षा के दौरान कक्षा 11वीं का छात्र अपने साथ तमंचा लेकर आया। नाबालिग के पास तमंचा देख कर परीक्षा कक्ष सहित पूरे विद्यालय में हडकंप मच गया।

जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले के लक्सर थाना क्षेत्र में स्थित एक इंटर कॉलेज में समाजशास्त्र के पेपर के दौरान छात्रों की तलाश की जा रही थी। उसी दौरान कक्षा 11 के एक नाबालिग छात्र के पास से तम्चा बरामद हुआ। छात्र के पास से तमंचा देखकर पूरे परीक्षा कक्ष में हडकंप मच गया। उक्त इंटर कॉलेज के सभी शिक्षकों और परीक्षा में तैनात नकल विरोधी उड़न दस्ते के सदस्यों के भी होश उड़ गए। शिक्षकों ने तुरंत इस मामले की सूचना पुलिस को दी, सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने छात्र को हिरासत में लिया और उसके पास मिले तमंचे को भी कब्जे में लिया।

पुलिस ने छात्र के परिजनों को भी मौके पर बुलाया और उन्हें कड़ी चेतावनी दी। पुलिस टीम द्वारा की गई पूछताछ में छात्र के नाबालिग होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर छात्र को सख्त हिदायत देकर परिजनों के हवाले कर दिया। छात्र के पास से बरामद तमंचा पुलिस के कब्जे में है, पुलिस टीम इस बात की जांच कर रही है कि छात्र के पास यह तमंचा कैसे आया और वो इसे परीक्षा केंद्र में क्यों लाया।

Monday, 24 March 2025

NEP: इस सत्र से चार कक्षाओं के लिए NCERT की नई पुस्तकें, नई शिक्षा नीति के तहत तैयार हुईं किताबें

 


जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं की एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकें भी अब तैयार हो चुकी है। जो जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगी।

इनमें चौथी और सातवीं कक्षाओं की नई पुस्तकें 31 मार्च तक ही बाजार में आ जाएंगी, जबकि पांचवीं व आठवीं की सभी पुस्तकें पंद्रह मई तक आएंगी। यानी एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के बच्चे भी एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से पढ़ाई करेंगे।

इन दो कक्षाओं के लिए ब्रिज कोर्स भी तैयार

  • एनसीईआरटी ने इसके साथ ही पांचवीं व आठवीं कक्षाओं के लिए एक ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है। इसकी भी पाठ्यपुस्तकें तैयार हो गई है, जो 31 मार्च तक बाजार में आ जाएगी।
  • एनसीईआरटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक नई पाठ्यपुस्तकों को छात्रों को समय पर मुहैया कराने की पूरी तैयारी कर ली गई है। नई पाठ्यपुस्तकों के नाम पहली, दूसरी व तीसरी कक्षाओं की पुस्तक की तरह वीणा, मृदंग व सारंगी आदि रखा गया है। इनमें सिर्फ कक्षाएं व उसके आवरण में बदलाव किया गया है।
  • एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें अब अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध कराई जाएंगी। गौरतलब है कि अब तक एनईपी के तहत एनसीईआरटी की बालवाटिका से लेकर पहली, दूसरी, तीसरी व छठवीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकें आ चुकी है। जबकि चौथी, पाचंवीं, सातवीं व आठवीं की पुस्तकें इस साल आ रही है। बाकी नौ से बारहवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें अगले शैक्षणिक तक आएंगी।

तीन अप्रैल से नई पाठ्यपुस्तकों पर शिक्षकों का प्रशिक्षण

स्कूलों में आने वाली चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं की नई पाठ्यपुस्तकों के साथ ही एनसीईआरटी ने इन नई पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण की भी तैयारी कर ली है। जो तीन अप्रैल से शुरू होगी। इस दौरान पहले चरण में देश भर में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। इनमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय आदि के शिक्षक मुख्य रूप से शामिल होंगे।

Edu News 25 March 2025


 





शिक्षा जगत समाचार 25 मार्च 2025


 












सांसदों के वेतन और भत्ते में 24 प्रतिशत की वृद्धि, पेंशन भी बढ़ी; केंद्र ने जारी की अधिसूचना


केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि को अधिसूचित कर दिया है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी और इसे मूल्य वृद्धि सूचकांक के आधार पर तय किया गया है। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, न केवल सांसदों के वेतन में वृद्धि की गई है, बल्कि बैठकों में भाग लेने पर मिलने वाले दैनिक भत्ते, पूर्व सांसदों की पेंशन, और अतिरिक्त सेवा वर्षों के लिए दी जाने वाली पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई है।

नए वेतन और भत्ते इस प्रकार हैं:
सांसदों का मासिक वेतन
पहले: ₹1,00,000 प्रति माह
अब: ₹1,24,000 प्रति माह

दैनिक भत्ता (संसद सत्र के दौरान बैठकों में भाग लेने पर)
पहले: ₹2,000 प्रति दिन
अब: ₹2,500 प्रति दिन

पूर्व सांसदों की मासिक पेंशन
पहले: ₹25,000 प्रति माह
अब: ₹31,000 प्रति माह

अतिरिक्त पेंशन  (प्रतिवर्ष एक कार्यकाल के बाद)
पहले: ₹2,000 प्रति माह
अब: ₹2,500 प्रति माह

टिकाऊ फर्नीचर (एक कार्यकाल)                                   
पहले: ₹ 80 हजार प्रति माह
अब: ₹1 लाख प्रति माह

गैरटिकाऊ फर्नीचर (एक कार्यकाल)  
पहले: ₹ 20 हजार प्रति माह
अब: ₹  25 हजार प्रति माह

सरकार ने यह बढ़ोतरी सांसद वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम के तहत आयकर अधिनियम, 1961 में निर्दिष्ट मूल्य वृद्धि सूचकांक के आधार पर अधिसूचित की है।  इस सब में अहम बात यह है कि, सासंदों की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। बढ़ोत्तरी में सांसदों के दैनिक भत्ते और कार्यालय खर्च को भी शामिल किया गया है। सांसदों के कंप्यूटर का ज्ञान रखने वाले सहायक के लिए 40 हजार की जगह 50 हजार रुपये प्रतिमाह तो स्टेशनरी के लिए 20 हजार की जगह 25 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।

सासंद को मिलने वाली सुख-सुविधाएं
सासंदों को वेतन के अलावा कई तरह की अन्य सुख-सुविधाएं भी मिलती हैं। जिनमें कई सुविधाएं उनके परिवार के लोगों के लिए भी होती हैं। इसमें पत्नी के लिए कई फ्री हवाई सफर,असीमित ट्रेन का सफर जैसी सुविधाएं शामिल होते हैं। एक सांसद को 50 हजार यूनिट फ्री बिजली, 1 लाख 70 हजार फ्री कॉल्स, 40 लाख लीटर पानी, रहने के लिए सरकारी बंगला शामिल होता है। 

Dehradun Accident: लच्छीवाला टोल प्लाजा पर बड़ा हादसा, डंपर ने तीन कारों को मारी टक्कर, दो लोगों की मौत

 


देहरादून। डोईवाला टोल प्लाजा में बेकाबू ट्रक ने दो लोगों की जान ले ली। सोमवार की सुबह 8 बजे हुए इस हादसे में जिला न्यायालय नई टिहरी में कार्यरत पंकज पंवार,पेशकार और रतनमणि उनियाल, प्रशासनिक अधिकारी, की दुखद मृत्यु हो गई।

पंवार थान गांव जौनपुर टिहरी, उनियाल चन्द्रबदनी टिहरी के मूल निवासी थे। उनका हाल निवास देहरादून रिंग रोड छह नम्बर पुलिया (अब महाराजा प्रद्युम्न शाह चौक) के आसपास था।

यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों कर्मचारी अपनी कार में रविवार की छुट्टी के बाद घर देहरादून से नई टिहरी लौट रहे थे । लगभग सुबह पौने 8 बजे के करीब, जब वे टोल प्लाजा डोईवाला में अनुशासन के साथ चल रहे थे, तब पीछे से आया डम्फर/ ट्रक उन्हें ठोकते हुए आगे बढ़ गया। दर्दनाक बात यह है कि इस दुर्घटना के कारण दोनों की बॉडी को काटकर बाहर निकाला गया।

सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि एक ट्रक/ डम्फर, बगैर ब्रेक लगाए, तेजी से दो लोगों की लाल कार को टक्कर मारता है। और यह कार टोल प्लाजा के विशाल लोहे के ख़म्बे में चकनाचूर हो जाती है।

आजकल, सड़क पर चलते समय किसी भी व्यक्ति के लिए अपने जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती बन गया है। सड़क पर मौत का मंजर वास्तव में चिंताजनक है। जहाँ किसी की भी गाड़ी अचानक ही बेकाबू ट्रक/ डम्फर से टकरा सकती है। इसे देखने वाले लोग सिर्फ भीषण दृश्य के गवाह बनते हैं, लेकिन वे इस भयावहता को रोकने में असमर्थ रहते हैं।

आज, सोमवार पौने आठ बजे सुबह देहरादून के डोईवाला टोल प्लाजा में हुई एक दुर्घटना ने न केवल दो मूल्यवान जीवन छीन लिए, बल्कि सड़क सुरक्षा के मसले पर गंभीर चिंताएं भी उत्पन्न की हैं।

जो घटना की भयावहता को दर्शाता है। सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यह प्रश्न उठता है कि क्या ट्रक/ डम्फर की तकनीकी जांच की गई थी? क्या जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ट्रक के रखरखाव पर ध्यान दिया गया था? यदि ट्रक का ब्रेक काम नहीं कर रहा था, तो उसे सड़क पर चलने की अनुमति कैसे दी गई थी? यह स्पष्ट है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं होने के कारण ही यह भीषण दुर्घटना हुई है।

घटना के बाद, टोल प्लाजा में अफरा-तफरी मच गई, और सवाल उठने लगे कि आखिर सड़क पर ऐसी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है, और लोगों ने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोग तो उसकी फांसी की भी मांग कर रहे हैं, यह बताते हुए कि ऐसी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस दुर्घटना से यह बात साफ होती है कि सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों की सुरक्षा और तकनीकी जांच एक अनिवार्य आवश्यकता है।

ट्रक ड्राइवर की लापरवाही के कारण न केवल दो परिवारों का सुख-शांति छिन गया बल्कि समाज को भी एक गहरा आघात पहुंचा। जब तक हम सड़क सुरक्षा के प्रति सजग नहीं होंगे, ऐसी दुखद घटनाएं हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बनकर सामने आती रहेंगी। इसलिए, हमें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी हृदय विदारक घटनाओं को रोका जा सके।

यह घटना केवल एक उदाहरण है जो सड़क सुरक्षा की खामियों को उजागर करता है। बेकाबू ट्रकों और डम्फरों का दौड़ना सड़क पर मौजूद अन्य वाहनों के लिए एक बड़ा डर बन चुका है। राज्य और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे इन मुद्दों पर ध्यान दें और ठोस कदम उठाएँ। बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन, कठोर नियमों का पालन, और जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। यदि हम केवल घटनाओं को देखने पर निर्भर रहेंगे तो नुकसान और बढ़ेगा, इसलिए हमें अपने आसपास के माहौल में सक्रिय रहकर बदलाव लाने का प्रयास करना होगा।

सड़कों पर हो रही इन घटनाओं को रोकने के लिए हमें एक संगठित प्रयास की आवश्यकता है। समाज के प्रत्येक सदस्य को सड़क सुरक्षा के महत्व को समझना होगा और अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। जब तक हम यह मानसिकता नहीं बनाएँगे, तब तक सड़कें खतरनाक बनी रहेंगी और मानव जीवन का नुकसान होता रहेगा।