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Wednesday, 20 November 2024
CBSE Exam Date Sheet 2025: सीबीएसई परीक्षा की तारीखों का एलान, 15 फरवरी से होगी शुरूआत; यहां देखें डेट शीट
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा शिक्षा को लेकर महामंथन, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के विधानसभा क्षेत्र में जुटेंगे शिक्षाविद्
देहरादून। श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ राठ क्षेत्र में पहली बार प्रदेशभर के शिक्षाविद उच्च शिक्षा को लेकर गुरुवार 21 नवम्बर को महामंथन करेंगे। जिसमें नई शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में उच्च शिक्षा का रोड़मैप तैयार किया जायेगा। इस महामंथन में 23 अहम बिन्दुओं पर चर्चा की जायेगी। इस चर्चा में जो भी निष्कर्ष निकल कर आयेंगे वह उच्च शिक्षा के उन्नयन में अहम भूमिका निभायेंगे।
इस बार राज्य उच्च शिक्षा परिषद की 11वीं बैठक उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के अंतर्गत सुदूर पैठाणी स्थित राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय में 21 नवम्बर को आयोजित की जा रही है। जिसमें मुख्य सचिव उत्तराखंड सहित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, विभिन्न राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल के सचिव तथा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रतिष्ठित शिक्षाविद एवं शासन-प्रशासन के नामित प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे। परिषद की बैठक में लगभग तीन दर्जन अहम बिन्दुओं पर महामंथन होगा। जिसमें एनईपी-2020, पीएम ऊषा, नैक प्रत्यायन, प्रधानमंत्री जन विकास योजना, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति, महाविद्यालयों में पुस्तकालय एवं आईटी लैब की स्थापना, नये भवनों, पुस्तकालयों एवं प्रयोगशालाओं की अद्यतन स्थिति, छात्रावास निर्माण की अद्यतन स्थिति, राज्य के 20 मॉडल कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण की स्थिति, राज्य के मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रोत्साहन हेतु आर्थिक सहायता, राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का विभिन्न औद्योगिक ईकाईयों, शोध संस्थानों एवं अकादमिक इकाईयों के साथ अनुबंध के साथ ही एनईपी-2020 की गाइडलाइन के अंतर्गत विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की जायेगी। इसके अलावा इस महामंथन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के सुझाव भी लिये जायेंगे, जिससे भविष्य की योजनाओं को लेकर एक ठोस नीति बनाई जायेगी, जोकि उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिये मील का पत्थर साबित होगी।
यहां कल से तीन दिन स्कूलों में छुट्टी (समस्त शासकीय/अर्द्धशासकीय/ निजी विद्यालय भौतिक रूप से बन्द रहेंगे), देखें आदेश
पिथौरागढ़ जिले से बड़ी खबर है कि सेना भर्ती रैली के लिए उमड़ी युवाओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र में बढ़ती अव्यवस्था, ट्रेफिक दबाव से छात्र छात्राओं की सुरक्षा के उद्देश्य से पिथौरागढ़ नगर क्षेत्र में सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी विद्यालयों में तीन दिवसीय अवकाश घोषित कर दिया है।
जारी आदेश के मुताबिक सेना द्वारा जनपद मुख्यालय पिथौरागढ़ के स्थान देवकटिया में दिनांक 12.11.2024 से दिनांक 27.11.2024 तक प्रादेशिक सेना भर्ती का आयोजन किया जा रहा है। उक्त भर्ती कार्यक्रमानुसार उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य हेतु निर्धारित तिथियों में अधिक संख्या में अभ्यर्थियों के प्रतिभाग किये जाने एवं उक्त के कारण मार्ग में ट्रैफिक अधिक होने से विद्यार्थियों के आने-जाने में समस्या सम्भाव्य होने के दृष्टिगत दिनांक 20.11.2024 से 22.11.2024 तक पिथौरागढ़ नगर क्षेत्र में स्थित समस्त शासकीय/अर्द्धशासकीय/ निजी विद्यालय भौतिक रूप से बन्द रहेंगे, इस अवधि में अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाईन माध्यम से शैक्षणिक कार्य कराये जायेंगे।
Tuesday, 19 November 2024
SCERT-IT:राज्य के सभी शिक्षकों / प्रशिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कोर्स में अनिवार्यता प्रतिभाग किये जाने विषयक ।
👉चैटबॉट लिंक: https://web.convegenius.ai/bots?botId=0257172892916711
या इस QR कोड को स्कैन करें
👉Video लिंक: https://www.youtube.com/live/IHhCbjz4Pak?feature=shared
👉यूजर मैनुअल लिंक: https://drive.google.com/file/d/1BnFOONW7nHcaSIkuduvW22HeYQJd32bb/view?usp=drive_link
👉Support Video Link: https://youtu.be/7KJtdO_qrXM\
उत्तराखंड में चुनाव ड्यूटी पर तैनात राजकीय इंटर कॉलेज कंडारा के शिक्षक को 'आचार संहिता' के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया गया
Monday, 18 November 2024
उत्तराखंड सरकार पर फटा 2,130,000,000 रुपये का मोटा बिल, 24 साल बाद एक्शन में आई एयरफोर्स, अब टेंशन में सब विभाग!
देहरादून : भारतीय वायु सेना ने उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर उसका 213 करोड़ बकाया रुपया वापस लौटाने को कहा है. चीफ सेक्रेटरी को भेजे इस पत्र में साल 2000 से अब तक पेंडिग चल रहे 91 बिलों का ब्यौरा दिया गया है. राज्य सरकार का बकाये का आलम ये है कि राज्य की स्थापना के दिन ही उस पर एयरफोर्स की 15 लाख की उधारी हो गई. अब तक कई बार लैटर भेजे जा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ. लेकिन अब मामला गरमा गया है. आइये जानते हैं पूरी डिटेल…
दरअसल, प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में पिछले 24 सालों में शायद ही कोई साल ऐसा गुजरा हो, जब राहत एवं बचाव कार्यों के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद न लेनी पड़ी हो. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि एयरफोर्स ने जो बकाया धनराशि के बिल भेजे हैं, उसमें पंद्रह लाख के दो बिल नौ नवंबर 2000 के हैं.. यानि जिस दिन उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ,उसी दिन 15 लाख की उधारी हो गई थी.
इसके अलावा 52 करोड़ 60 लाख के 12 बिल 2013 की आपदा के हैं. 3 करोड़ 20 लाख के बिल वन विभाग के हैं. वन विभाग ने 2021 और 2024 में जंगलों की आग बुझाने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों की मदद ली थी. बीते सालों में एयरफोर्स समय-समय पर राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजता रहा, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा एयरफोर्स की उधारी अब 213 करोड़ रूपये से अधिक पहुंच गई.
सचिव (आपदा प्रबंधन) विनोद कुमार सुमन का कहना है कि सभी बिलों को वेरिफाई कराया जा रहा है. इस संबंध में जल्द ही सभी विभागों की मीटिंग भी बुलाई जा रही है, ताकि बिलों का हिसाब किताब क्लियर किया जा सके. ये एक पेचीदा मामला भी है, क्योंकि बिल 24 साल पुराने भी हैं.
हालांकि उनका कहना है कि आपदा प्रबंधन विभाग पर एयरफोर्स का 67 लाख रुपया बकाया था, जिसमें से 24 लाख रूपए एयरफोर्स को दिए जा चुके हैं. बाकी धनराशि भी आपदा प्रबंधन विभाग जल्द एयरफोर्स को दे देगा.
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि ये एक बड़ी धनराशि है. हम केंद्र से बातचीत का रास्ता भी तलाश रहे हैं, ताकि इस भारी भरकम देनदारी को माफ कराया जा सके.
ऐसा नहीं है कि एयरफोर्स की ओर से पहले ये बिल नहीं भेजे गए. इस साल भी एयरफोर्स मुख्यालय की ओर से 27 अगस्त, 18 सितंबर, 19 सितंबर को पत्र भेजकर राज्य सरकार को देनदारियों की याद दिलाई गई थी, लेकिन शासन लेवल पर इस पर ध्यान नहीं दिया गया. अब 22 अक्टूबर को भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी एयर वायस मार्शल विक्रम गुरू की ओर से जब डिटेल पत्र भेजा गया, तब जाकर मशीनरी हरकत में आई.