राजकीय शिक्षक संघ के कार्यकाल पर शिक्षा निदेशक द्वारा उठाए गए सवाल को संघ के अध्यक्ष और मंत्री ने करारा जवाब दिया। कहा, संघ संविधान के मुताबिक प्रांतीय अध्यक्ष को एक सत्र / एक साल कार्यकाल बढ़ाने का विशेषाधिकार है।
राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान और मंत्री रमेश पैन्यूली के हस्ताक्षर से निदेशक को प्रेषित पत्र में संघ ने पूरे मामले को स्पष्ट किया। कहा कि निदेशक के स्तर से संघ के कार्यकाल पर उठाए गए सवाल का कोई मतलब नहीं है। संघ के संविधान के मुताबिक प्रांतीय अध्यक्ष को एक सत्र / एक साल कार्यकाल बढ़ाने का विशेषाधिकार है। साथ ही कहा कि निदेशक संघ के संरक्षक मात्र हैं। उन्हें संगठन के कार्यों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। पूर्व निदेशकों ने इस व्यवस्था का अनुसरण किया। पिछले कार्यकारिणी छह साल तक काम करती रही। तब के निदेशक ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। न्यायालय के आदेश के बाद ही चुनाव हुए। स्पष्ट किया कि चुनाव के बारे में मई में निदेश को पूरी जानकारी दी जा चुकी थी। जुलाई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और अगस्त में धराली अपदा की वजह से कुछ जिला इकाइयों के चुनाव नहीं हो सकें। पत्र में कहा गया कि संगठन के कार्य में किसी भी तरह का हस्तक्षेप होने पर न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होंगे।
पत्र में राजकीय शिक्षक संघ ने संघ के कार्यकाल को लेकर निदेशक के पत्र को मांगों से ध्यान भटकाने वाला कदम बताया। कहा कि अच्छा होता कि विभाग शिक्षकों की मांगों पर गौर करता।

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