NCERT, NCERT Books: एनसीईआरटी की पांचवीं कक्षा की नई हिंदी किताब ‘वीणा’ बच्चों के लिए एक अनोखा खजाना लेकर आई है. इस किताब में बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),गगनयान, इसरो की उपलब्धियों से लेकर गंगा नदी, पंचतंत्र, और राजा विक्रमादित्य की कहानियों तक सब कुछ पढ़ेंगे. ये किताब न सिर्फ आधुनिक भारत की चमक दिखाएगी, बल्कि हमारी पुरानी सांस्कृतिक धरोहर से भी बच्चों को जोड़ेगी.आइए आपको बताते हैं कि ये किताब बच्चों को क्या-क्या सिखाने वाली है?
‘वीणा’ में AI से लेकर गगनयान
‘वीणा’में बच्चे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गगनयान मिशन, और इसरो की कहानियां पढ़ेंगे. ये पाठ उन्हें बताएंगे कि कैसे भारत अंतरिक्ष में छलांग लगा रहा है और टेक्नोलॉजी में दुनिया को पीछे छोड़ रहा है. ये कहानियां बच्चों में विज्ञान के प्रति उत्साह जगाएंगी और उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित करेंगी.
गंगा का पाठ पढ़ेंगे बच्चे
बच्चों को गंगा नदी का पाठ पढाया जाएगा. इस दौरान यह किताब उन्हें हिमालय के गोमुख से बंगाल की खाड़ी तक की यात्रा कराएगी.गंगोत्री में चांदी जैसे साफ पानी से शुरू होकर, हरिद्वार के कुंभ मेले और काशी तक पहुंचते-पहुंचते गंगा कैसे प्रदूषण से मटमैली हो जाती है ये सब बच्चे जानेंगे. ये पाठ न सिर्फ गंगा की पवित्रता की बात करेगा बल्कि पर्यावरण को बचाने और खेती के लिए पानी की अहमियत भी सिखाएगा.
खेल और देशभक्ति की भावना जगाने के लिए ‘वीणा’ में पैरालंपिक तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर की कहानी शामिल है.1965 के भारत-पाक युद्ध में गोली लगने से लकवाग्रस्त होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 1972 के पैरालंपिक में भारत को तैराकी में पहला गोल्ड मेडल दिलाया.ये कहानी बच्चों को सिखाएगी कि मेहनत और जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल नामुमकिन नहीं.
पंचतंत्र की कहानियां देंगी नैतिकता की सीख
2500 साल पुरानी पंचतंत्र की कहानियां और राजा विक्रमादित्य व राजा भोज की गाथाएं बच्चों को नैतिकता, बुद्धिमता और संवेदनशीलता सिखाएंगी.ये कहानियां न सिर्फ मजेदार हैं, बल्कि बच्चों को सही-गलत का फर्क समझाने में भी मदद करेंगी. उज्जैन की ऐतिहासिक गलियों और राजा विक्रमादित्य की ‘न्याय की कुर्सी’ की कहानी बच्चों को हमारी समृद्ध विरासत से जोड़ेगी.
हरियाणा से असम तक की जानकारी
‘वीणा’ बच्चों को भारत के अलग-अलग राज्यों और संस्कृतियों की सैर कराएगी। हरियाणा में गाय के दूध की अहमियत, मणिपुर की लोकतक झील, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, और अरुणाचल प्रदेश में बुद्ध पूर्णिमा पर मनाए जाने वाले साडकेन पर्व की कहानियां बच्चों को भारत की विविधता से रूबरू कराएंगी.ये पाठ बच्चों में देश के लिए प्यार और एकता की भावना जगाएंगे.
अजंता-एलोरा भी ‘वीणा’ का हिस्सा
2000 साल पुरानी अजंता और एलोरा की गुफाएं भी ‘वीणा’ का हिस्सा हैं.बच्चों को इन गुफाओं के मंदिरों, खूबसूरत मूर्तियों और चित्रकारी के बारे में पढ़ने को मिलेगा.ये पाठ उन्हें भारतीय कला, संस्कृति और इंजीनियरिंग की गहराई से परिचित कराएगा.
कई राज्यों में होगी लागू
एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत ‘वीणा’ को तैयार किया है, जिसमें खेल और गतिविधियों के जरिए पढ़ाई पर जोर है. ये किताब 2025-26 सत्र से सीबीएसई और कई राज्य बोर्डों की पांचवीं कक्षा में पढ़ाई जाएगी.ये न सिर्फ बच्चों को पढ़ाएगी बल्कि उन्हें सोचने, समझने और देश की विरासत से जुड़ने का मौका देगी. ‘वीणा’ की कहानियां बच्चों को एक नया नजरिया देंगी. आधुनिकता और परंपरा का शानदार मेल है.
No comments:
Post a Comment