Monday, 21 April 2025

रिटायरमेंट के बाद पेंशन की नहीं होगी टेंशन, उत्तराखंड में धामी सरकार की बना यह प्लान

 


उत्तराखंड में आने वाले दिनों में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की कोई टेंशन नहीं होगी। उत्तराखंड में पेंशनभोगियों की समस्या का निस्तारण शीघ्र हो सकेगा। इसके लिए सरकार कई स्तरों पर कदम उठा रही है। इसी क्रम में आईटीडीए की ओर से ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। 

जिसमें सभी विभागों के सेवानिवृत्त, पेंशन विषयक प्रकरणों का ससयम निस्तारण हो सकेगा। पोर्टल पर आईटीडीए और वित्त विभाग मिलकर काम करेंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।

उत्तराखंड में विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त करीब डेढ लाख पेंशनभोगी हैं। हर विभाग के पेंशनभोगियों की समस्याएं अलग हैं। जिनके निस्तारण के लिए तमाम संगठन अकसर लामबद्ध रहते हैं। अब सरकार इन सभी प्रकरणों को एक पोर्टल के माध्यम से सुलझाना चाहती है। 

इसलिए पेंशनभोगियों के मामलों के निस्तारण के लिए एक अलग पोर्टल बनाया जाएगा। पोर्टल में पेंशनभोगियों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने और उनके निस्तारण की स्थिति जानने की सुविधा भी मिलेगी। 

यह पोर्टल एक केंद्रीकृत प्रणाली के रूप में कार्य करेगा, जिससे पेंशनभोगियों के मामलों का तेजी से और कुशलता से निस्तारण किया जा सकेगा। इस पोर्टल के माध्यम से पेंशनभोगियों को पेंशन संबंधी जानकारी और सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्राप्त होगी। 

इस संबंध में निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल ने बताया कि बीते दिनों इस संबंध में शासन में प्रस्तुतीकरण दिया गया था। पोर्टल पर काम करने से पहले वित्त विभाग के साथ बैठक कर जरूरी मसलों पर बात की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। 

समय पर पेंशन न मिलना भी बड़ी समस्या 

रिटायर होने के बाद समय पर पेंशन की सुविधा मिलना भी कई विभागों में चुनौती से कम नहीं है। खासकर शिक्षा विभाग में ऐसे मामलों की भरमार है। सभी औपरचारिकताएं पूरी करने के बाद भी विभागीय पेंचों की वजह से महीनों तक भटकना पड़ता है।

सेवा का अधिकार आयोग ने इस वर्ष जनवरी में शिक्षा विभाग को ऐसे 150 से ज्यादा मामलों की लिस्ट भेजी थी। ये वो मामले हैं, जो आठ-आठ साल से लटके हुए थे। पेंशन प्रकरणों की जांच और निस्तारण के लिए अलग पोर्टल और सिस्टम होने से इस प्रकार के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।

1 comment:

  1. सरकार का पेंशन भोगियों हेतु सराहनीय कदम है।

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