देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के क्षैतिज आरक्षण पर स्पष्टता न होने के कारण उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 613 पदों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को वापस भेज दिया।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने शासन को प्रवक्ता सामान्य शाखा के 550 और महिला शाखा के 63 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव वापस भेज दिया है। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने कहा कि भर्ती के लिए एक नया संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए। वर्तमान में शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं के 3,699 पद खाली हैं, विशेषकर पर्वतीय जिलों के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए क्षैतिज आरक्षण के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए ताकि इन पदों को उचित रूप से भरा जा सके।
प्रदेश में अस्थायी व्यवस्था के तौर पर रखे जाएंगे 2000 शिक्षक
आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि शिक्षक भर्ती के लिए समान श्रेणी के पदों को अलग-अलग प्रक्रिया से भरना विधिक रूप से उचित नहीं है। शासन ने 8 अगस्त 2024 को एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था, जिसमें दिव्यांगजन के पदों को श्रेणीवार विभाजित किया गया है। इस प्रस्ताव में दिव्यांगजन के 22 पद और महिला शाखा में 2 पद क्षैतिज आरक्षण के तहत शामिल किए गए हैं। शिक्षा विभाग में सामान्य शाखा के 11,177 और महिला शाखा के 1,339 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से सामान्य शाखा में 3,319 और महिला शाखा में 380 पद खाली हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने 2,000 शिक्षकों को अस्थायी रूप से नियुक्त करने की तैयारी की है, जिनका मानदेय प्रति वादन के अनुसार दिया जाएगा।
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