यूपी के फतेहपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने फर्जी मार्कशीट लगाकर 13 वर्षों तक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी करता रहा और सरकारी राजस्व को चूना लगाता रहा, जिसका शिक्षा विभाग ने शिकायत के बाद इस मामले की जांच कराई तो पूरा मामला उजागर हो गया, जिसके बाद बीएसए के निर्देश पर फर्जी शिक्षक को नौकरी से बर्खास्त करते हुए आरोपी शिक्षक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराते हुए 60 लाख रुपए की रिकवरी करने की नोटिस जारी कर पैसा जमा कराने के निर्देश दिए है. वहीं, पुलिस ने काफी समय से फरार चल रहे आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
बता दें कि फतेहपुर जिले के ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बे का रहने वाले साकेत तिवारी ने वर्ष 2010 में फर्जी मार्कशीट लगाकर बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी हासिल की थी. इसके बाद आरोपी शिक्षक साकेत असोथर विकास खंड के दतौली प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहा. वर्ष 2023 में मामला उजागर होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी दीप्ति रिछारिया ने नौकरी से उसे बर्खास्त करने का पत्र लिखते हुए स्थानीय ललौली थाने में आईपीसी की धारा 420 सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
साथ ही उससे 60 लाख रुपए से अधिक धनराशि की रिकवरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर सरकारी खजाने में जमा कराने निर्देश दिया था. उसके बाद से आरोपी शिक्षक फरार चल रहा था. जिसे पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.
वहीं एडिशनल एसपी विजय शंकर मिश्र ने बताया कि साकेत तिवारी पुत्र राम लखन तिवारी जो रामनगर बहुआ के रहने वाले हैं, थाना ललौली क्षेत्र में इनके द्वारा फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली गई थी. 5 सितंबर 2010 से वह नौकरी कर रहे थे, जिनकी डॉक्यूमेंट की जांच की गई तो उनके डाक्यूमेंट फर्जी पाए गए.
इसको लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा उनकी नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया और खंड शिक्षा अधिकारी असोथर द्वारा थाना ललौली पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज कराया गया है. इसको लेकर के साकेत तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है.
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