Wednesday, 5 April 2023

धांधली का बड़ा मामला उजागर, एक माह में 23 शिक्षकों को दो बार दी गई पदोन्नति, जानें कैसे हुआ खेल


शामली जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में पांच वर्ष पूर्व 194 शिक्षकों को पूर्व नियम विरुद्ध काल्पनिक पदोन्नति दे दी गई। इनमें से 23 शिक्षकों को एक माह के भीतर ही दो बार पदोन्नत किया गया। ये शिक्षक पिछले पांच साल में करोड़ों का अतिरिक्त वेतन उठा चुके हैं। सूचना के अधिकार के तहत बीएसए कार्यालय से मिली सूचना से इस गड़बड़ी का खुलासा भी हो गया, लेकिन कार्रवाई करने की बजाय अफसर इसे दबाकर बैठ गए।


बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2018 में बीएसए के पद चंद्रशेखर सिंह तैनात थे। अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2018 में उन्होंने 194 शिक्षकों को काल्पनिक पदोन्नति के आदेश जारी किए थे। इनमें से 23 शिक्षकों को एक माह के भीतर ही दो बार काल्पनिक पदोन्नति दी गई। नियमानुसार इसके लिए शिक्षा सचिव की अनुमति ली जानी थी। लेकिन अनुमति नहीं ली गई। पदोन्नति से बढ़े वेतन का एरियर भी बिना टीडीएस काटे उन्हें दे दिया गया। इस मामले में जांच भी हुई, लेकिन रिपोर्ट दबा दी गई।
इस तरह की गई धांधली
इन 194 शिक्षकों को पदोन्नति देने के लिए दूसरे शिक्षकों की पदोन्नति को आधार बनाया गया। लेकिन जिन्हें आधार बनाया गया, उन शिक्षकों की पदोन्नति की जांच ही किसी अधिकारी ने नहीं की। 23 शिक्षकों को पहले एक शिक्षक की पदोन्नति को आधार बनाकर पदोन्नति दी, फिर एक माह बाद ही दूसरे शिक्षक को आधार बनाकर दोबारा पदोन्नति दे दी गई। नियमानुसार ऐसा करते समय पदोन्नति का पहला आदेश निरस्त करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

सेवानिवृति पर पदोन्नति हटाकर शुरू की गई पेंशन
काल्पनिक पदोन्नति पा चुके शिक्षकों की सेवानिवृति हुई तो पेंशन विभाग में यह मामला पकड़ा गया। जिसके बाद काल्पनिक पदोन्नति हटाकर पेंशन शुरू की गई। नियमानुसार इन शिक्षकों से रिकवरी होनी थी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।

दो बार पदोन्नति देने में दोषी पाए गए थे अधिकारी
वर्ष 2021 में बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में सहायक निदेशक ने जांच की थी। जिसमें तत्कालीन बीएसए समेत अन्य अधिकारी दोषी पाए गए थे। संयुक्त निदेशक की ओर से कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। इसके बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई।

भ्रष्टाचार की गहरी हैं जड़ें
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं। दो फरवरी को बीएसए कार्यालय का बाबू परिश्रम सैनी महिला शिक्षक को बहाल करने की एवज में एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में तत्कालीन बीएसए राहुल मिश्रा के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसके बाद बीएसए को शिक्षा निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया। यहां यह सवाल भी है कि नवंबर 2022 में इस गड़बड़ी की सूचना आरटीआई के तहत दी थी। इसके बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

मुजफ्फरनगर में हो चुके हैं रिकवरी के आदेश
मुजफ्फरनगर में हाल ही में ऐसा मामला सामने आया था। जिसमें जांच के बाद करीब 1.66 करोड़ की रिकवरी के आदेश जारी हो गए हैं। जिससे मुजफ्फरनगर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप की स्थिति है। जबकि मुजफ्फरनगर में काल्पनिक पदोन्नति के प्रकरण महज 44 ही हैं। शामली में 194 शिक्षकों को काल्पनिक पदोन्नति दी गई। इनमें से 23 को दो बार पदोन्नति दे दी गई।

23 शिक्षकों को दो बार काल्पनिक पदोन्नति की शिकायत पर जांच की गई थी। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। - योगराज सिंह, सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा

बेसिक शिक्षा विभाग में ऑडिट चल रहा है, कहां क्या गड़बड़ी हुई है, यह जांच में सामने आ जाएगा। यदि किसी ने नियम विरुद्ध अधिक वेतन लिया है तो रिकवरी होगी। - अयाज अहमद, प्रभारी लेखाधिकारी, बीएसए कार्यालय

Source - AU

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