आदित्य एल1 को दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। 128 दिन की अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य एल1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। आदित्य एल1 पर लगे पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।
लैग्रेंजियन पॉइंट पर हेलो ऑर्बिट में स्थापित सैटेलाइट को कई फायदे हैं। दरअसल यहां से बिना किसी रुकावट के लगातार सूरज पर नजर रखी जा सकती है। यहां से सूरज पर होने वाली गतिविधियों और इसके अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया जाएगा। आदित्य एल1 पर लगे पेलोड सूरज की फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूरज की सबसे बाहरी परत कोरोना के बारे में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और चुंबकीय क्षेत्र की मदद से अध्ययन करेंगे। आदित्य एल1 के सात पेलोड में से चार लगातार सूरज पर नजर रखेंगे, वहीं बाकी तीन पेलोड लैग्रेंजियन पॉइंट पर मौजूद अणुओं और वहां के हालात का अध्ययन करेंगे।
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