अनिवार्य स्थानांतरण के तहत 15% कार्मिकों के ही होंगे स्थानांतरण तो अनुरोध के आधार पर अधिकतम सीमा के अतिरिक्त भी हो सकेंगे ट्रांसफर
देहरादून। उत्तराखंड शासन से बड़ी खबरें कर्मचारियों के वार्षिक हस्तांतरण को लेकर शासन ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि इस वर्ष भी हस्तांतरण की अधिकतम सीमा 15% तक ही रखी जाए। वही उच्च शिक्षा विभाग और विद्यालय शिक्षा विभाग में कुछ प्रावधानों के तहत ट्रांसफर एक्ट के तहत छूट धारा 27 के तहत दी जाएगी। गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शासन के द्वारा अलग से दिशा निर्देश जारी किए गए।
शासन ने वार्षिक स्थानांतरण में कार्मिकों को छूट प्रदान करते हुए तीन शासनादेश जारी किए। कार्मिक सचिव ललित मोहन रयाल ने बुधवार को उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा व अभियांत्रिकी सेवा के कार्मिकों के तबादले से सम्बंधित शासनादेश जारी किए।
1- ताजे शासनादेश के तहत बीमारी से सम्बंधित मामलों को 15 प्रतिशत ट्रांसफर की सीमा से अलग रखा गया है।
2- शिक्षा विभाग में अब मध्य सत्र में ट्रांसफर हो सकेंगे
3- राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के अधीक्षण अभियन्ता को गृह वृत्त / जनपद से बाहर
तैनाती दी जा सकेगी, अधिशासी अभियन्ता को गृह खण्ड से इतर स्थानों में तैनाती की जा
सकेगी, सहायक अभियन्ता / कनिष्ठ अभियन्ता को गृह उपखण्ड / तहसील से बाहर तैनात किया
जा सकेगा।
स्थानांतरण सत्र 20023-24 में स्थानांतरण की अधिकतम सीमा निर्धारण आदि प्राविधानों
महोदय उपर्युक्त किया एवं साता विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-1 118324 / 23 दिनांक 18.04.2023 का अन्य ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से वर्तमान स्थानान्तरण सत्र 2023-24 हेतु वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 को भारा 23 अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष सामान्य स्थानान्तरण हेतु निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार स्थानान्तरण की कार्यवाही करने के निर्देश निर्गत किये गये हैं।
2 के मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त लोक सेवकों के लिए धार्मिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के सन्दर्भ में वर्तमान स्थानांतरण स 21023-24 तु विभागान्तर्गत प्रत्येक संवर्ग ने स्पानतिरण की अधिकतम सीना को 15 प्रतिशत तक सीमित रखने का निर्णया गया है। उक्तानुसार वर्तमान स्थानान्तरण सत्र हेतु निर्धारित 15 प्रतिशत स्थानान्तरणको सीमा को पात्रता थी में आने वाले कार्मिकों का 15 प्रतिशत समझा जाए, किन्तु स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 17(1)(ख) की श्रेणी (एक), (दो) यह (तीन) से आच्छादित कार्मिकों से अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण अधिकतम सीमा के अतिरिक्त किये जा सकेंगे अर्थात् दिगन्तर्गत रामान्तरण अधिनियम की धारा 17()() की श्रेणी (एक) (दो) एवं (तीन) से आच्छादित कार्मिकों के अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण हेतु प्राप्त प्रत्यावेदन में से अ कार्मिकों के प्रत्यावेदनों की संख्या सीमा तक सुगम श्रेणी से दुर्ग श्रेणी में अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु पात्र कार्मिकों को तैयार की गयी सूची उपलब्ध कार्मिकों को अनिवार्य रूप से रित किया जायेगा।
3 चक्के अतिरिक्त मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 3(घ) में पष्ट रूप से उल्लिखित रोगों था कैंसर वह कैंसर एस / एचआईवी पॉजिटिव) हृदय अथवा एस्ट्री किया गया हो) किडनी रोग (दोनों हो जाने से बालिसिस पर निर्भर, हनी ट्रांसप्लान्ट किया गया हो अथवा एक किडनी निकाली गयी हो) (दोनों फेफड़े हो अथवा एक फेफडा पूर्णतः स्पाईन की रा) मिर्गी एवं मानसिक रोग से ग्रस्त कार्निका कोण अधिनियम की धारा 3() में उल्लिखित राक्षण का प्रमाण पत्र प्ररा करने पर अनिवार्य स्थानान से छूट अथवा अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण प्रस्तावित किया जा सकता है किन्तु उपरोक्त रोगों के अतिरिक्त अन्य गम्भीर रोगों जिनका उल्लेख चारा नहीं है ऐसे गम्भीर रोगों स्थानान्तरण अधिनियम की धारा में लिखित सक्षम सार से निर्गत प्रमाण मंत्र का परीक्षण महास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा। यह समिति करेगी कि कार्मिक अमुक नीर रोग से है और इस रोग से प्रसित होने के कारण सम्बन्धित कार्मिक की दुर्गम अथवा किसी विशेष स्थान पर तैनाती की जा सकती है अथवा नहीं दन्तारा) में सक्षम न प्रमान पुत्र एवं उक्त समिति की संस्तुति स्थानान्तरण अधिनियम की धारा ४(घ) के आधार पर कार्मिक का स्थानान्तरण प्रस्ताव स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-27 के अन्तर्गत गठित समिति को सन्दर्भित किया जायेगा। 2
4- यह भी कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा घसेकार्मिकों को रंग में स्थानान्तरण से छूट होने के कारण कति कर्मिकों को सुगम क्षेत्र से एक ही कार्यालय में वर्षों से कार्यरत होने की स्थिति हो रही है। अतः यह निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 7 (घ) में लिखित से दिकर्मकों को सुगम के एक कार्यालय / जनपद में चार वर्ष पूर्ण होने के सन्त सुन के दूसरे निकटवर्तील जगपद हा पद रिक्त हो, स्थानाचारित किया जागा पदसि न होने की दशा में श्रेणी के दो कार्मिकों को पारस्परिक रूप से ताजा है।
5- शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि किसी भी विभाग द्वारा भविष्य में स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-17(2) (ख) में उल्लिखित कारणों के अतिरिक्त संवर्ग परिवर्तन संवर्ग से बाहर नान्तरण कोई भी स्थानानारण अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत गठित समिति विचारार्थ प्रस्तुत नहीं किये जायेंगे।


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